अयोध्याः अयोध्या में तैयारी जारी है। इस कार्यक्रम के मेहमानों को न्योता भेजा जा चुका है। अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए पांच अगस्त को होने वाले भूमि पूजन में देशभर के करीब आठ हजार पवित्र स्थलों से मिट्टी, जल और रजकण का उपयोग किया जाएगा। कार्यक्रम से जुड़े लोगों का कहना है कि सामाजिक समरसता का संदेश देने के लिए देशभर से मिट्टी एवं जल का संग्रह किया जा रहा है।
अयोध्या केस में पक्षकार रहे इकबाल अंसारी को भी भूमि पूजन का आमंत्रण भेजा गया है।
अयोध्या केस में पक्षकार रहे इकबाल अंसारी को भी भूमि पूजन का आमंत्रण भेजा गया है। खास बात है कि इस आमंत्रण पत्र में लिखा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ विशिष्ट अतिथि के तौर पर आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत हिस्सा लेंगे।
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य कामेश्वर चौपाल ने कहा, ” देशभर से अयोध्या पहुंचने वाली मिट्टी एवं जल का आंकड़ा अभी तक जोड़ा नहीं गया है लेकिन ऐसा अनुमान है कि सात-आठ हजार स्थानों से मिट्टी, जल एवं रजकण पूजन के लिए अयोध्या पहुंचेगा। दो दिन पहले तक करीब 3,000 स्थानों से मिट्टी और जल वहां पहुंच चुका है।”
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास की तरफ से भेजे गए इस आमंत्रण पत्र में लिखा है- श्रीराम जन्मभूमि मंदिर का भूमिपूजन और कार्यारम्भ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कर कमलों के द्वारा होगा। विशिष्ट अतिथि के तौर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत मौजूद रहेंगे।
राम मंदिर भूमि पूजन में बाबरी मस्जिद में फरीक रहे इकबाल अंसारी, सुन्नी वक्फ बोर्ड के सद्र ज़फर अहमद फारूखी और अयोध्या के रहने वाले पद्मश्री मोहम्मद शरीफ भी शिरकत करेंगे। इकबाल अंसारी ने भूमि पूजन को लेकर पहले भी खुशी का इज़हार किया था।
साथ ही उन्होंने यह भी कहा था कि उन्हें अयोध्या में मस्जिद के लिए बने ट्रस्ट से काई लेना-देना नहीं है। बताया जा रहा है कि इसकी वजह यह है कि इकबाल अंसारी आगाज़ से ही मांग करते रहे हैं कि अयोध्या में मस्जिद के लिए दी गई 5 एकड़ ज़मीन में स्कूल और अस्पताल बनाया जाए लेकिन इकबाल अंसारी की इस मांग को सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने कभी संजीदगी से नहीं लिया।