अमरीकी टेक कंपनी ‘माइक्रोसॉफ़्ट’ ने कहा है कि वो लोकप्रिय शॉर्ट वीडियो शेयरिंग ऐप ‘टिकटॉक’ के अमरीका समेत कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और न्यूज़ीलैंड में संचालन के अधिकार लेना चाहती है जिसके लिए वो चीनी कंपनी बाइटीडांस से बातचीत जारी रखेगी.
एक बयान में कंपनी ने कहा है कि ‘वो 15 सितंबर तक इस बातचीत को किसी अंजाम तक पहुँचाना चाहते हैं.’
कंपनी के सीईओ सत्या नडेला और अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की रविवार को हुई मुलाक़ात के बाद माइक्रोसॉफ़्ट ने यह बयान जारी किया है.
हालांकि शुक्रवार को ही राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा था कि ‘वे अमरीका में टिकटॉक को बैन करने वाले हैं.’
कंपनी ने कहा है कि ‘वो इस बात को सुनिश्चित करेगी कि टिकटॉक इस्तेमाल करने वाले सभी अमरीकी यूज़र्स का डेटा अमरीका में ही रहे और उसे कहीं बाहर ट्रांसफ़र ना किया जाये.’
माइक्रोसॉफ़्ट ने अपने बयान में यह भी कहा है, “कंपनी राष्ट्रपति ट्रंप की चिंताओं का अच्छे से समझती है. हम टिकटॉक के संचालन में इसलिए भी हिस्सा चाहते हैं ताकि सुरक्षा की समीक्षा का काम पूरा किया जा सके और जो आर्थिक फ़ायदे अमरीका को मिलने चाहिए, वो मिल सकें.”
हालांकि कंपनी ने यह भी स्पष्ट किया है कि चीनी कंपनी के साथ यह डील हो पायेगी या नहीं, इसे लेकर फ़िलहाल कुछ भी यक़ीन से नहीं कहा जा सकता.
समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने सूत्रों के हवाले से एक रिपोर्ट प्रकाशित की है जिसमें दावा किया गया है कि ट्रंप ने भारी दबाव के बाद, ख़ासकर अपनी ही पार्टी के कुछ बड़े नेताओं के कहने पर टिकटॉक को लेकर अपनी राय बदली है और वे दोनों कंपनियों को समझौते के लिए 45 दिन देने को तैयार हुए हैं.
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि अमरीकी सरकार की ‘कमेटी ऑन फ़ॉरेन इनवेस्टमेंट इन द यूएस’ की निगरानी में माइक्रोसॉफ़्ट और बाइटीडांस के बीच ये समझौता होना है और इस सरकारी कमेटी को यह अधिकार होगा कि वो इन दोनों कंपनियों के बीच समझौते पर प्रतिबंध लगा सके.
चीन के सरकारी अख़बार ‘चाइना डेली’ ने सोमवार को एक रिपोर्ट में चीनी कंपनी बाइटीडांस को अमरीकी ‘विच हंट’ का शिकार बताया है और लिखा है कि अमरीका अब तक कोई सबूत नहीं दे पाया है कि ‘चीनी ऐप किस तरह उनकी सुरक्षा के लिए ख़तरनाक है.’
माइक्रोसॉफ़्ट और चीनी कंपनी बाइटीडांस के बीच अगर यह समझौता होता है तो यह माइक्रोसॉफ़्ट के लिए एक ‘बड़ी क़ामयाबी’ होगी.