बोर्ड परीक्षा का फार्म भरवाने में धन उगाही


वाराणसी (काशीवार्ता)। ब्यूरोक्रेट्स किस प्रकार जनता को लूट रहे हैं। इसका अंदाजा जनता को नहीं हो पाता है। ऐसी स्थिति में भोली-भाली जनता जन-प्रतिनिधियों को कोसती है और अपने को ठगा हुआ महसूस करती है। सूत्रों की मानें तो ब्यूरोक्रेट्स के आगे जन-प्रतिनिधि बेबस नजर आ रहे हैं। इसका जीवंत उदाहरण नीरव मोदी, माल्या व कोठारी जैसे शख्स हैं। जिन्होंने कानून की कमजोर कड़ी को अपने लिए भ्रष्टाचार का द्वार बना लिया। पीएम मोदी के लाख प्रयासों के बाद भी देश मे ऐसे भ्रष्ट लोगों की एक लंबी फेहरिस्त है। जो लगातार भ्रष्टाचार कर अपनी जेबें भर रहे हैं। ऐसा ही कारनामा इन दिनों कोविड-19 का दंश झेल रहे देशवासियों के लिए अत्यंत ही कष्टकारी है। ऐसे में पीएम के संसदीय क्षेत्र काशी में हाईस्कूल व इंटर की 2020-21 की बोर्ड परीक्षा हेतु फार्म भरा जा रहा है। जिस फार्म को भरने की निर्धारित शुल्क 206 रुपये है उसके स्थान पर 15 सौ रुपये की मांग की जा रही है। ऐसा न करने पर फार्म जमा न करने की अभ्यर्थियों व उनके परिजनों को धमकी दी जा रही है।
दिव्यांग अभ्यर्थी को भी नहीं बख्स रहे घूसखोर-कहा जाता है कि बच्चों पर ही माँ-बाप की उम्मीदें टिकी होती हैं। उनका कॅरियर संवारने में वे जीवन भर की गाढ़ी कमाई लगा देते हैं, लेकिन उनकी भटकती राहें सपनों की दुश्मन बन जाती हैं। ऐसा ही एक मामला इन दिनों राजकीय बालिका विद्यालय मलदहिया का प्रकाश में आया है। जहां एक दिव्यांग महिला व कुछ अन्य अभ्यर्थी राजकीय बालिका विद्यालय में बोर्ड परीक्षा का फार्म जमा करने पहुंची तो मौजूद महिला कर्मचारी दो सौ छ: रुपये फीस के स्थान पर 15 सौ रुपये की मांग करने लगी। अभ्यर्थी द्वारा पूछे जाने पर कहा कि 15 सौ से कम नहीं लगेगा बहुत मिन्नत करने पर 12 सौ देने की बात कही।
शिकायत सही होने पर होगी कार्रवाई
जिला विद्यालय निरीक्षक डॉ.विजय प्रकाश सिंह ने इस सम्बंध में काशीवार्ता को बताया कि पूर्व में प्राइवेट विद्यालयों से इस प्रकार की शिकायतें मिलती थीं जिसको दृष्टिगत रखते हुए इस वर्ष यह जिम्मेदारी सरकारी विद्यालयों को दी गई है। राजकीय बालिका विद्यालय की महिला कर्मी किरन राय द्वारा अधिक फीस लेने की शिकायत मिली है जिसकी पुष्टि कर संबंधित के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। कहा कि एक सब्जेक्ट की परीक्षा फीस दो सौ छ: रुपये है। सौ रुपये बिलम्ब शुल्क के साथ तीन सौ छ: रुपये होता है। इससे अधिक यदि कोई फीस मांगता है तो यह गलत है जिसकी जांच कराई जा रही है।