ये अप्रत्याशित नहीं था.
ये जानते हुए भी कि जीत कोलकाता नाइट राइडर्स को मिली है और जीत के सबसे बड़े हीरो चेन्नई सुपर किंग्स के ख़िलाफ़ ओपनिंग में प्रमोट किए गए राहुल त्रिपाठी हैं, क्रिकेट फैन्स के लिए मैच का ‘टर्निंग प्वाइंट’ केदार जाधव की बल्लेबाज़ी थी.
12 गेंद तक क्रीज़ पर खड़े रहकर मैच को आहिस्ता-आहिस्ता चेन्नई से कोलकाता के पाले में जाता देखने वाले जाधव नतीजा आते ही ट्विटर के टॉप ट्रेंड्स में आ गए.
#Jadhav और #Kedar को ट्विटर पर ट्रेंड कराने वाले फ़ैन्स चेन्नई के ऑल राउंडर जाधव को ‘गेमचेंजर’ बताने लगे.
10 रन से हार
दरअसल, कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के आउट होने के बाद जब जाधव क्रीज़ पर आए तो चेन्नई को 21 गेंद में जीत के लिए 39 रन बनाने थे.
मैच काफी हद तक चेन्नई की पकड़ में माना जा रहा था. कप्तान धोनी बल्ले से कमाल नहीं दिखा पाए थे लेकिन चेन्नई के सिर्फ़ चार विकेट गिरे थे. बडे शॉट्स लगाने के लिए मशहूर सैम करन पिच पर थे और डग आउट में ड्वेन ब्रावो, रविंद्र जडेजा और शार्दुल ठाकुर जैसे बिग हिटर्स अपनी बारी के इंतज़ार में थे.
जब तेज़ी से रन बनाने की दरकार थी, तब जाधव गेंद से बल्ले का संपर्क ही नहीं करा पा रहे थे. 17वें ओवर में क्रीज़ पर आए जाधव ने उस ओवर में वरुण चक्रवर्ती की तीन गेंदें खेलीं लेकिन कोई रन नहीं बना सके.
अगले ओवर में गेंद रसेल के हाथ थी. इस ओवर में भी जाधव दो गेंद पर कोई रन नहीं बना सके. उन्होंने खाता अपनी पारी की छठी गेंद पर खोला.
जब जाधव क्रीज पर आए थे तो चेन्नई को करीब 12 रन प्रति ओवर बनाने थे. 19वें ओवर में 18 रन प्रति ओवर की रफ़्तार से रन बनाने थे और आखिरी ओवर में चाहिए थे 26 रन.
जाधव ने जिन दो बल्लेबाज़ों के साथ साझेदारी की, उनमें सैम करन का स्ट्राइक रेट 154 और जडेजा का स्ट्राइक रेट 262 रहा और ख़ुद जाधव का स्ट्राइक रेट 58 रहा. उन्होंने 12 गेंद में सिर्फ़ सात रन बनाए. जबकि जडेजा ने सिर्फ़ आठ गेंदों पर 21 रन बना दिए.
कठघरे में धोनी
जाधव की पारी के लिए कप्तान धोनी को भी ट्रोल किया गया. मैच के बाद धोनी ने जाधव का नाम तो नहीं लिया लेकिन सलाह जरूर दे डाली, “जब बाउंड्री नहीं लग रही हो तब थोड़ा इनोवेटिव होने की जरूरत होती है.”
कोलकाता के ख़िलाफ़ चेन्नई के कप्तान धोनी के दो ही फ़ैसलों पर सवाल उठे. पहला वो वरुण चक्रवर्ती की गेंद पर वो शॉट खेलने का फ़ैसला जब उनकी गिल्लयां बिखर गईं. दूसरा ब्रावो के पहले जाधव को बल्लेबाज़ी के लिए भेजने का फ़ैसला.
इसके पहले धोनी अपने फ़ैसलों के लिए तारीफ़ हासिल कर रहे थे. कोलकाता के ख़िलाफ़ उन्होंने अपने गेंदबाज़ों को बेहतरीन तरीके से इस्तेमाल करने पर धोनी की तारीफ़ हो रही थी. चेन्नई के गेंदबाज़ों ने कोलकाता को 167 के स्कोर पर ऑल आउट कर दिया था. धोनी ने चार कैच भी पकड़े. इनमें ब्रावो की गेंद पर लिए गए शिवम मावी के कैच की खूब चर्चा हुई.
फीका हुआ बर्थडे का जश्न!
चर्चा में ब्रावो भी रहे. ब्रावो बुधवार को अपना जन्मदिन मना रहे थे. चेन्नई के लिए सबसे ज़्यादा तीन विकेट लेकर उन्होंने इसका जश्न भी मनाया. उन्होंने आईपीएल में 150 विकेट भी पूरे कर लिए. लेकिन टीम की हार ने जश्न की चमक फीकी कर दी.
हार की कसक शेन वॉटसन को भी रही होगी. वॉटसन ने आईपीएल-19 में लगातार दूसरी हाफ सेंचुरी जमाई.
उन्होंने अंबाती रायडू के साथ मिलकर पहले दस ओवर में टीम का स्कोर एक विकेट पर 90 रन तक पहुंचा दिया था. आखिरी 10 ओवर में सिर्फ़ 67 रन बनाने थे लेकिन फिर भी चेन्नई के हाथ से जीत फिसल गई.
चल गए कार्तिक के दांव
चेन्नई के हाथ से जीत छीनने वाले कोलकाता के कप्तान दिनेश कार्तिक भी बल्ले से कोई कमाल नहीं दिखा सके लेकिन बतौर कप्तान उनके फ़ैसले हिट रहे.
उन्होंने चेन्नई की पारी के आखिरी दस ओवरों में गेंदबाज़ों का जिस तरह इस्तेमाल किया, उसने मैच की सूरत बदल दी. वॉटसन को रोकने के लिए कार्तिक ने सुनील नरेन को आजमाया. वरूण चक्रवर्ती और कमलेश नागरकोटी भी उनके लिए स्पेशल साबित हुए. बाकी कसर 18वें और 20वें ओवर में सिर्फ़ 18 रन देने वाले आंद्रे रसेल ने पूरी कर दी.
लेकिन, कार्तिक का जो फ़ैसला सबसे उम्दा रहा, वो था राहुल त्रिपाठी को ओपनिंग के लिए भेजना.
मैच के स्टार राहुल त्रिपाठी
दिल्ली के ख़िलाफ़ मैच में लोअर ऑर्डर में त्रिपाठी ने जिस अंदाज़ में बल्लेबाज़ी की थी, उसे देखते हुए उनसे ओपन कराने की सलाह दी जा रही थी. कार्तिक ने इसे माना और ये फ़ैसला सटीक बैठा.
त्रिपाठी ने 51 गेंद में 81 रन की जबरदस्त पारी खेली. पावर प्ले में पावर हिटिंग का प्रदर्शन करने वाले त्रिपाठी ने फील्डिंग की पाबंदियां हटने के बाद भी बाउंड्री लगाईं. उन्होंने अपनी पारी में आठ चौके और तीन छक्के लगाए.
त्रिपाठी कोलकाता के अकेले बल्लेबाज़ थे जिन्हें चेन्नई के गेंदबाज़ खामोश नहीं कर पाए. त्रिपाठी के बाद कोलकाता में रन बनाने के मामले में दूसरे नंबर पर थे पैट कमिंस जिन्होंने नाबाद 17 रन बनाए. नरेन ने भी 17 रन बनाए. बाकी बल्लेबाज़ नाकाम रहे. दो बल्लेबाज़ तो खाता भी नहीं खोल सके.
मैन ऑफ़ मैच रहे त्रिपाठी ने चेन्नई के ख़िलाफ़ अपनी पारी को ‘सपने के सच होने जैसा’ बताया.
और इस मैच के बाद चेन्नई की टीम भी शायद सोच रही होगी कि काश ये नतीजा सच नहीं कोई सपना ही होता.