फ्रांस रफ़ाल जेट विमानों में हवा से हवा में मार कर सकने वाली एमआईसीए मीटियोर और हवा से ज़मीन में मार कर सकने वाली स्कैप्ल स्टैंड-ऑफ़ मिसाइल के अलावा हवा से ज़मीन पर मार कर सकने वाली हैमर मिसाइल लगाने के लिए राज़ी हो गया है.
हिंदुस्तान टाइम्स में छपी एक ख़बर के अनुसार हैमर एक ख़ास तरह का मिसाइल है जिसके बेहद कम दूरी या फिर सत्तर किलोमीटर की दूरी से दाग़ा जा सकता है. इसके लिए जीपीएस मौजूद होना ज़रूरी नहीं, न तो इस पर जैमर का कोई अधिक असर होता है और न ही ये अपने लक्ष्य से चूकता है.
वरिष्ठ अधिकारियों के हवाले से अख़बार लिखता है कि सितंबर 2020 में दोनों मुल्कों की सरकारों के बीच हैमर मिसाइल को लेकर समझौता किया गया था. इसके तहत इस महीने के आख़िर में अंबाला में भारतीय वायुसेना की गोल्डन ऐरोज़ स्क्वाडर्न को बड़ी संख्या में ये हथियार दिए जाएंगे.
अख़बार ने समझौते से जुड़ी अधिक जानकारी और मिसाइलों की कुल संख्य़ा के बारे में कोई जानकारी नहीं ही दी है.
भारत और फ्रांस के बीच हुए रक्षा सौदे के अनुसार एक साल में फ्रांस को हैमर मिसाइल भारत को देने थे लेकिन भारत की तात्कालिक ज़रूरत को देखते हुए फ्रांसीसी वायुसेना ने अपने ज़खीरे से कुछ मिसाइलें भारत को देने का फ़ैसला किया है.
अख़बार के अनुसार भारत-चीन सीमा पर लाइन ऑफ़ एक्चुअल कंट्रोल पर जारी तनाव के मद्देनज़र भारतीय वायुसेना फिलहाल हाई अलर्ट पर है.
बीती रात तीन रफ़ाल विमानों की दूसरी खेप ने भारत के लिए उड़ान भरी है, ये विमान गुरुवार को अंबाला पहुंचे हैं.
दिल्ली में कोरोना के बढ़ते मामले बने चिंता का विषय
द इंडियन एक्सप्रेस में छपी एक ख़बर के अनुसार दिल्ली में कोरोना के बढ़ते मामलों को लेकर केंद्र सरकार ने दिल्ली सरकार को राय दी है कि वो कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग बढ़ाएं यानी संक्रमित लोगों के संपर्क में आए लोगों का पता लगाएँ.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्ष वर्धन ने दिल्ली सरकार को सलाह दी कि वो 72 घंटों के भीतर पॉज़िटिव पाए गए मामलों में व्यक्ति के पंद्रह नज़दीकियों को ट्रेस करें और उन्हें कुछ दिन के लिए आइसोलेशन में रहने के लिए कहें.
उन्होंने सलाह दी कि सरकार जहां अधिक मामले सामने आ रहे हैं वहां आरटी-पीसीआर टेस्ट करें और डेंगू को लेकर तुरंत जागरूकता अभियान चलाए.
बुधवार को दिल्ली में कोरोना संक्रमण के 6842 मामले दर्ज किए गए थे. वहीं गुरुवार को यहां संक्रमण के 6715 नए मामले दर्ज किए गए हैं.
टाइम्स ऑफ़ इंडिया में छपी एक ख़बर के अनुसार दिल्ली हाई कोर्टने कोरोना के मामलों को लेकर गुरुवार को दिल्ली सरकार को फटकार लगाई और कहा कि ऐसे चलता रहा को ‘भारत कोरोना कैपिटल बन जाएगा.’
जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद की बेंच ने कहा कि महामारी पर लगाम लगाने में प्रदेश सरकार नाकाम रही है.सांकेतिक तस्वीर
असम सरकार का आरोप, हमारी ज़मीन पर मिज़ोरम ने किया कब्ज़ा
मिज़ोरम में स्थानीय लोगों का कहना है कि सीमा के पास दस किलोमीटर तक की उसकी ज़मीन पर असम ने कब्ज़ा कर लिया है.
वहीं असम सरकार ने कहा है कि 164.6 किलोमीटर लंबी अंतरराज्य सीमा के पास मिज़ोरम ने उसकी ज़मीन पर कब्ज़ा कर रखा है जिस कारण इन सड़कों पर माल की आवाजाही पर असर पड़ा है.
अख़बार दि हिन्दू में छपी एक ख़बर के अनुसार असम के जंगल सुरक्षा मंत्री परिमल शुक्लवैद्य ने कहा मिज़ोरम के लोगों ने सीमा पर 1.5 किलोमीटर तक के इलाक़े पर कब्ज़ा कर लिया है. शुक्लवैद्य कचार के ढोलाई विधानसभा क्षेत्र से ताल्लुक रखते हैं जो मिज़ोरम की सीमा से सटे बराक घाटी ज़िलों में से एक है.
अख़बार के अनुसार उन्होंने कहा, “मिज़ोरम से हमारा कहना है कि वो खेती का काम बढ़ाएं लेकिन अपनी ज़मीन पर. हम उन्हें वापस जाने के लिए कह रहे हैं.”
लेकिन मिज़ोरम के स्थानीय लोगों का कहना है कि असम के कुछ ऐसे लोग जिनकी “नागरिकता संदेह के घेरे में है” उन्हें उनकी सीमा से दस किलोमीटर भीतर तक उनकी ज़मीन पर कब्ज़ा कर लिया है.
असम मिज़ोरम सीमा पर बीते 17 अक्तूबर को उत्तेजित लोगों ने कई घरों और दुकानों को आग के हवाले कर दिया था. तभी से इस इलाक़े में तनाव जारी है.
1972 में केंद्र शासित प्रदेश बनने से पहले तक मिज़ोरम असम का हिस्सा हुआ करता था. साल 1987 में इसे पूर्ण राज्य का दर्जा दिया गया. असम और मिज़ोरम के बीच की सीमा स्पष्ट रूप से सीमांकित नहीं है. यहां सीमा के पास बनाए गए ढाचों को अक्सर तनाव के बाद तोड़ दिया जाता है.
हरियाणा में स्थानीय युवाओं को 75 फीसदी आरक्षण देने का विधेयक
हरियाणा राज्य की विधानसभा ने गुरुवार को निजी क्षेत्र में स्थानीय युवाओं को 75 फीसदी आरक्षण देने के लिए लाया गया विधेयक पास कर दिया है.
अख़बार जनसत्ता में छपी एक ख़बर के अनुसार ये विधेयक दस साल के लिए मान्य होगा और उन कंपनियों, सोसायटी, ट्रस्ट और फर्म पर लागू जिनमें 10 से अधिक कर्मचारी हैं.
अख़बार कहता है कि प्रदेश में बीजेपी की सहयोगी जननायक जनता पार्टी ने चुनाव से पहले ये वादा किया था और गुरुवार को एक विधेयक ला कर इस वादे को पूरा कर दिया है. प्रदेश के उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी है.
अख़बार के अनुसार ये क़ानून 50 हज़ार रुपये के मासिक वेतन तक की नौकरियों पर ही लागू होगा.
सरकार का कहना है कि प्रदेश में काम कर रही सभी कंपनियों को तीन महीने के भीतर सरकारी पोर्टल पर पंजीकरण कर के बताना होगा कि उनके यहां 50 हज़ार रुपये वेतन की श्रेणी में कितने कर्मचारी हैं और इन पदों पर काम करने वाले कितने लोग हरियाणा से हैं.
जब तक ये डेटा अपलोड नहीं किया जाता कंपनियां नए लोगों को नौकरियों पर नहीं रख सकतीं.
हालांकि नए क़ानून में कंपनियों को ये छूट दी गई है कि अगर कंपनी को किसी पद के लिए स्किल्ड कर्मचारी न मिले तो आरक्षण क़ानून में छूट मिल सकती है. इस बारे में फ़ैसला ज़िला उपायुक्त या उससे उच्च अधिकारी लेंगे.