वाराणसी । शिक्षा, स्वास्थ्य एवं पोषण जागरूकता मेला का आयोजन 10 नवम्बर, 2020 को मानवाधिकार जननिगरानी समिति, जनमित्र न्यास, सावित्री बाई फुले महिला पंचायत, माडल प्राईमरी स्कूल, दांदुपुर, हरहुआ और टाटा ट्रस्ट के संयुक्त तत्वाधान में वाराणसी जिले के हरहुआ ब्लाक के दांदुपुर ग्राम में अम्बेडकर पार्क में किया गया।
मेले में लोगो को संतुलित भोजन एवं उनके पोषक तत्वों, माहवारी मासिक में स्वच्छता एवं पोषण व्यवहार, हैण्ड वाशिंग प्रक्रिया, किशोरावस्था में किशोरी का सही वजन, इसके साथ ही 0-5 वर्ष के बच्चो का पोषण मैपिंग इत्यादि के लिए विभिन्न स्टॉल लगाए गए। जिनमें महिलाओ व किशोरियों को उनके स्वास्थ्य एवं पोषण से सम्बंधित विभिन्न जानकारियों के साथ ही साथ गर्भवती महिलाओ के विशेष देखभाल एवं पोषण के साथ स्वच्छ एवं स्वस्थ रखने वाले वैज्ञानिक व्यवहारों को अभ्यास में लाने के लिए डेमो के माध्यम से उन्हें प्रेरित किया गया और सुझाव दिए गए।
माहवारी के सन्दर्भ में व्याप्त भ्रांतियों को दूर करने के उद्देश्य से महिलाओ व किशोरियों के बीच में कार्यकर्ताओं द्वारा चर्चा व परिचर्चा किया गया और उनकी भ्रांतियों को दूर करने का प्रयास करते हुए स्वच्छता का विशेष ध्यान रखने का सलाह दिया गया |
संस्था कि मैनेजिंग ट्रस्टी श्रुति नागवंशी ने किशोरियों व महिलाओ को सम्बोधित करते हुए कहा कि आज की किशोरी कल कि जननी है अत: हम सभी को उनके पोषण एवं स्वास्थ्य का ध्यान रखना होगा, जिससे वे मजबूत राष्ट्र निर्माता बने | किशोरावस्था में कई प्रकार के बदलाव किशोर एवं किशोरियों के शरीर में आतें हैं, जिनके बारे में झिझक के कारण किसी से पूछ नही पाते हैं। चुकीं किशोरियों के शरीर में विशेष प्रकार कि प्रक्रिया कि शुरुआत होती जिसे माहवारी या मासिक चक्र कहते हैं। जिसका उनके शरीर पर गहरा असर पड़ता है परिणामस्वरूप वे एनीमिया, संक्रमण से जूझती रहती हैं लेकिन परिवार इन मुद्दों को गम्भीरता से नही लेता है। लैंगिक विषमता के उनकी पोषण सम्बंधी जरूरतें भी शरीर कि आवश्यकता अनुसार पूरा नही हो पाता है। ऐसे में उनके स्वास्थ्य एवं पोषण कि देखभाल करना हम वयस्कों का कर्तव्य एवं किशोरियों बुनियादी अधिकार है।
शैलेन्द्र विक्रम सिंह (प्रधानाध्यापक, राज्य शिक्षक पुरस्कार 2019 से सम्मानित) ने लोगो को संबोधित करते हुए कहा कि स्वस्थ्य मानव शरीर में ही स्वस्थ्य मष्तिष्क का विकास होता है इसलिए शिक्षा के साथ साथ हमें अपने बच्चो के स्वस्थ्य एवं पोषण पर भी विशेष ध्यान रखने की जरुरत है। आगे उन्होंने कहा कि अभी कोरोना काल चल रहा है इससे बच्चो की नियमित पढाई में बहुत सी दिक्कतों का सामना करना पड रहा है। इसलिए हम लोगो ने प्रयास करके सरकारी दिशा निर्देशों का पालन करते हुए थोड़े थोड़े बच्चो के समूह में उनकी नियमित शिक्षा अवरुद्ध न हो इसके लिए सतत प्रयास कर रहे है। इसी कड़ी में संस्था के सहयोग से मोबाईल पुस्तकालय के माध्यम से हम बच्चो को किताबो से जोड़ने का प्रयास कर रहे है। आगे भी यह कार्यक्रम चलता रहेगा और इससे अन्य बस्तिया भी लाभान्वित होगी।
मेले में किशोरियों को सन्दर्भ सामग्री के सहयोग से कार्यकर्ताओ द्वारा जानकारी दिया गया। मेले में बातचीत के दौरान यह निकल कर आया कि माहवारी के दौरान किशोरियों में जानकारी के अभाव में अस्वच्छ एवं संक्रमणीय व्यवहार अभ्यास में प्रचलित है। आर्थिक संसाधनों के साथ ही लैंगिक विषमता के कारण पोषण व्यवहार भी उचित नही है ।
इसके साथ ही बस्ती के सभी 0-5 वर्ष के बच्चो का पोषण मैपिंग किया गया और उन्हें उनसे सम्बंधित सुझाव दिए गए।
साथ ही इस मेले में बच्चो को मोबाईल पुस्तकालय का स्टाल लगाकर उसमे विभिन्न किताबे बच्चो से सम्बंधित रंग विरंगी किताबे रखी गयी जिससे किताबो के प्रति बच्चो का आकर्षण व ध्यान केन्द्रित करने हेतु लाईब्रेरी सम्बंधित विभिन्न गतिविधियाँ कार्यकर्ताओ द्वारा संचालित की गयी जिससे बच्चो का किताबो के प्रति बच्चो का रुझान बनाया जा सके। इसी दौरान बहुत से बच्चो ने किताबे लेकर पढी, इसके साथ ही यह मोबाईल पुस्तकालय नियमित रूप से इस बस्ती में आगे चलाया जाएगा जिससे बच्चो की पढाई नियमित जारी रहे जब तक स्कूल नहीं खुल जाते।
इस मेले में प्रमुख रूप से माडल प्राईमरी स्कूल दांदुपुर के अध्यापकगण नीतू सिंह, अजय सिंह, मधु सिंह, विभा सिंह, लीलावती, अनूप कुमार, माधुरी सिंह एएनएम, सीमा गौड़ आशा, चंचला यादव आशा, रीता, मिली उपाध्याय व फुलेश्वरी आंगनवाडी कार्यकर्ती के साथ ही साथ मानवाधिकार जननिगरनी समिति के स्वास्थ्य कार्यकर्ता शोभनाथ, आनन्द निषाद, प्रतिमा पाण्डेय, ब्रिजेश पाण्डेय, सुभाष, मधु कुमारी, घनश्याम, राजेंद्र प्रसाद सहित कई कार्यकर्ताओं द्वारा विभिन्न स्टॉल पर सन्दर्भ जानकारी सन्दर्भ सामग्रियों के माध्यम से देकर मेले के आयोजन को सफल बनाया।