कोरोना संकट के चलते देश की पहली कॉर्पोरेट ट्रेन तेजस एक्सप्रेस को पर्याप्त यात्री न मिलने के कारण इस हफ़्ते से बंद किया जा रहा है. आज से लखनऊ-दिल्ली और कल यानी 24 नवम्बर से अहमदाबाद-मुंबई तेजस ट्रेन को अगले आदेश तक के लिए रद्द कर दिया जाएगा.
17 अक्टूबर से दोबारा शुरू हुई थी तेजस
कोरोना के चलते आरामदेह सफ़र वाली इस सेमी प्राईवेट ट्रेन तेजस का परिचालन मार्च में बंद कर दिया गया था. 7 महीने बाद इसे 17 अक्टूबर से दोबारा चलाना शुरू किया गया था. पिछले साल 4 अक्टूबर को इसे हरी झंडी दिखा के पहली बार चलाया गया था. जबकि अहमदाबाद-मुंबई तेजस इसी साल 19 जनवरी को चलाई गई थी.
ऑनबोर्ड मनाया गया था तेजस का बर्थ डे
इस साल 4 अक्टूबर को तेजस का परिचालन शुरू नहीं हो सका था इसलिए 17 अक्टूबर को ही तेजस के स्टाफ़ ने चलती ट्रेन में केक काट कर तेजस की बर्थ डे मनाई थी. दरअसल तेजस के प्राईवेट नौकरी वाले अधिकतर स्टाफ़ को पिछले सात महीनों से तनख़्वाह भी नहीं मिली थी. इसलिए इसके दोबारा शुरू होने से पूरा स्टाफ़ बहुत ख़ुश था.
तेजस के कोच अटेंडेंट की ज़ुबानी
17 अक्टूबर को तेजस के दोबारा शुरू होने पर दिल्ली- लखनऊ तेजस के एक कोच अटेंडेंट संजय अवस्थी ने एबीपी न्यूज़ को अपनी परेशानियां बताते हुए जो बातें बताईं थीं वो तेजस के दोबारा बंद होने पर अब कई निहितार्थों से भरी लगती हैं. “19 मार्च को ट्रेन बंद हुई तब से घर चले गए और सात महीने बेरोज़गार रहे. इस दौरान तनख़्वाह नहीं मिली. 15 हज़ार तनख़्वाह मिलती है. तेजस के दोबारा चलने की ख़बर से ख़ुशी हुई कि अपने बच्चों के लिए कुछ कमा सकते हैं.
वर्षों से केटरिंग के काम में हैं अब बहुत अच्छा लग रहा है कि हम अपने काम पे लौट आए हैं. यात्रियों के बीच रहते हुए बहुत अच्छा लगता है घर पर बहुत बोरियत महसूस हो रही थी. समोसे पकौड़े की दुकान खोली थी रायबरेली में कुल 15 कोच अटेंडेंट हैं. एक यात्रा में 10 होते हैं. हर कोच में एक अटेंडेंट और एक क्रू मेम्बर.”
आईआरसीटीसी ने घाटे के कारण बंद कर दी तेजस
तेजस का संचालन भारतीय रेलवे की ही कम्पनी इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन लिमिटेड (आईआरसीटीसी) द्वारा संचालन किया जाता है. आईआरसीटीसी के राष्ट्रीय प्रवक्ता सिद्धार्थ सिंह ने एबीपी न्यूज़ को बताया कि तेजस को आईआरसीटीसी ने रेलवे से लीज़ पर लिया है जिसका एक फ़िक्स चार्ज देना पड़ता है. इसके अलावा इसे रेलवे के नेटवर्क पर चलाने, रेलवे के स्टेशनों आदि का इस्तेमाल करने के कारण हालेज चार्ज भी देना पड़ता है इसलिए महज़ क़रीब 30% आक्यूपेंसी पर गाड़ी चलाने पर काफ़ी घाटा हो रहा था जिसके कारण तेजस को बंद करना पड़ रहा है. मौजूदा कोरोना संकट में काफ़ी सुधार आ जाने के बाद ही अब तेजस को शुरू किया जाएगा.
पूरी ट्रेन में चल रहे थे बस क़रीब 150 यात्री
कोरोना के चलते तेजस के एग्जीक्यूटिव क्लास की कुल 56 सीटों में से सिर्फ़ 28 सीटों पर ही बुकींग हो रही थी. इसी तरह चेयर कार कोच की कुल 78 में से 46 सीटों पर ही बुकिंग हो रही थी. हालाँकि पूरी ट्रेन में एक एग्जीक्यूटिव क्लास कोच और 9 चेयर कार कोच को मिलाकर कुल 758 सीटें हैं जिनमें से 442 सीटों पर बुकिंग हो रही थी लेकिन पूरी ट्रेनें में यात्रा सिर्फ़ 150 की संख्या के आस-पास यात्री ही कर रहे हैं.