अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप ने मान लिया है कि नव-निर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडन को सत्ता सौंपने की औपचारिक प्रक्रिया शुरू हो जानी चाहिए.
ट्रंप ने ट्वीट कर कहा है कि सत्ता हस्तांतरण की निगरानी करने वाली अहम फ़ेडरल एजेंसी जीएसए को वो ‘चीज़ें करनी चाहिए जो ज़रूरी हैं’.
हालांकि उन्होंने अब भी अपनी लड़ाई जारी रखने की बात कही है.
दूसरी तरफ़, जनरल सर्विस ऐडमिनिस्ट्रेशन यानी जीएसए ने जो बाइडन को ‘विजेता’ के तौर पर स्वीकार कर लिया है.
ये घटनाक्रम ऐसे समय हुआ है जब मिशिगन राज्य में जो बाइडन की जीत की आधिकारिक पुष्टि कर दी गई थी.
इस पुष्टि से ट्रंप के उस अभियान को गहरा झटका लगा था जिसमें वो अमेरिका के चुनावी नतीजों को चुनौती दे रहे हैं.
जो बाइडन के समर्थकों ने सत्ता हस्तांतरण की प्रक्रिया शुरू होने का स्वागत किया है. जो बाइडन अब 20 जनवरी को शपथ लेने की तैयारी कर रहे हैं.
हालांकि ट्रंप के कैंपेन का अब भी कहना है कि वो मिशिगन के चुनावी नतीजों को चुनौती देंगे. हालांकि अब वक़्त धीरे-धीरे ख़त्म हो रहा है.
14 दिसंबर को अमेरिकी इलेक्टोरल कॉलेज बाइडन की जीत की पुष्टि कर देगा.
ट्रंप ने क्या कहा?
सत्ता हस्तांतरण की ज़िम्मेदारी जीएसए की होती है और इसे लेकर ही ट्रंप ने ट्वीट किया है.
ट्रंप के ट्वीट से साफ़ है कि उन्होंने जीएसए से कहा है कि वो बाइडन को सत्ता सौंपने की प्रक्रिया शुरू कर सकता है.
ट्रंप ने लिखा है कि उन्होंने जीएसए की ऐडमिनिस्ट्रेटर एमिली मर्फ़ी से कहा है कि उनकी टीम देश हित में शुरुआती औपचारिकताओं के लिए जो हो सकता है करे. ट्रंप ने कहा है कि उन्होंने अपनी टीम से भी ऐसा ही कहा है.
ट्रंप के द्वारा ही नियुक्त एमिली ने कहा है कि उनके ऊपर व्हाइट हाउस से टाइमिंग और फ़ैसले को लेकर कोई दबाव नहीं था.
बाइडन को भेजे पत्र में एमिली ने कहा है, “यह बिल्कुल स्पष्ट है कि मुझे पूरी प्रक्रिया में देरी करने के लिए कोई निर्देश नहीं मिला था. हालांकि मुझे ऑनलाइन धमकियां मिलीं, फ़ोन से और मेल के ज़रिए मुझे डराया गया. मेरे स्टाफ़ को भी धमकी मिली. चाहे मुझे जितनी धमकियां सहनी पड़तीं मैं क़ानून के बाहर नहीं जाती.”
बाइडन की टीम ने एमिली के पत्र का स्वागत किया है.
बाइडन की टीम ने इस पत्र के जवाब में कहा है, “इस फ़ैसले की ज़रूरत थी ताकि देश जिन चुनौतियों का सामना कर रहा है उनसे निपटा जा सके. कोरोना महामारी नियंत्रण से बाहर है और अर्थव्यवस्था भी पटरी से नीचे उतर गई है. इस फ़ैसले से सत्ता हस्तांतरण की प्रक्रिया शुरू हो पाएगी.”
क़ानूनी लड़ाई
बाइडन की टीम भी औपचारिक हस्तांतरण को लेकर काफ़ी सक्रिय है. सोमवार को बाइडन ने अपनी कैबिनेट की कुछ अहम घोषणाएं कर दी हैं. लेकिन बाइडन के लिए तभी औपचारिकता पूरी होती जब जीएसए उन्हें पत्र भेजता.
अब बाइडन की टीम एजेंसियों के ऑफ़िस स्पेस का इस्तेमाल कर सकती है ताकि व्हाइट हाउस में स्टाफ़ की नियुक्ति और कैबिनेट का गठन किया जा सके.
हालिया घटनाक्रम से यह भी साफ़ हो गया है कि अब ट्रंप अपनी हार मानने के लिए मजबूर होते दिख रहे हैं और उनकी क़ानूनी लड़ाई किसी मुकाम तक पहुँचती नहीं दिख रही है.
ट्रंप कैंपेन ने कई राज्यों में जीत की पुष्टि में देरी करने के लिए अपील दाखिल की थी लेकिन एक-एक उनकी अपील ख़ारिज होती गई.
ट्रंप की लीगल टीम इस मामले में कोई भी ठोस सबूत देने में नाकाम रही.
सत्ता हस्तांतरण की प्रक्रिया
डेमोक्रेटिक पार्टी की तरफ़ से ऐमिली पर दबाव था कि वो सत्ता हस्तांतरण की प्रक्रिया शुरू होने दें.
हालांकि जीएसए का पत्र मिशिगन में बाइडन की जीत की पुष्टि के बाद ही आया. यहां बाइडन ने ट्रंप को एक लाख 55 हज़ार वोट के अंतर से हराया.
ट्रंप ने जीएसए की ऐमिली मर्फ़ी को शुक्रिया कहा है और कहा कि उन्होंने ही उनकी टीम से सिफ़ारिश की थी कि वो जो औपचारिकताएं हैं उन्हें पूरी करें.
ट्रंप पर हार स्वीकार करने के लिए अपनी ही रिपब्लिकन पार्टी से दबाव बढ़ता जा रहा था.
सोमवार को पार्टी की तरफ़ से ऐसी कई आवाज़ आई.
टेनेसी के सीनेटर लैमर एलेक्ज़ेंडर ने बयान जारी कर कहा कि ट्रंप को पहले देश के बारे में सोचना चाहिए और बाइडन को सत्ता सौंपने में मदद करनी चाहिए.
उन्होंने कहा कि जब आप पब्लिक लाइफ़ में होते हैं तो लोग याद रखते हैं कि आपने अंत में क्या किया था.
वेस्ट वर्जीनिया की सीनेटर शेली मूरे ने भी कहा कि अब 2020 के चुनाव का अंत होना चाहिए. इसके अलावा ओहायो के सीनेटर ने भी ट्रंप से इसी तरह की अपील की थी.
मर्फ़ी को 160 से ज़्यादा कारोबारी नेताओं ने बाइडन को सत्ता सौंपने की प्रक्रिया शुरू करने का आग्रह किया था.
उधर, पाँच घंटे पहले जो बाइडन ने ट्वीट कर कहा है कि आज वो राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार और विदेश नीति टीम की घोषणा करेंगे.
बाइडन ने कहा है कि अब वक्त आ गया है कि अमेरिकी नेतृत्व को फिर खड़ा किया जाए.