दिल्ली बॉर्डर पर जारी धरना-प्रदर्शन के बीच आज किसानों की केंद्र सरकार से पांचवें दौर की बातचीत होने वाली है. लेकिन किसान नेता अपनी मांगों पर अड़े हुए हैं. किसान नेताओं का कहना है कि केंद्र सरकार तीनों कृषि कानूनों को वापस ले और वह कृषि उपज का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) सुनिश्चित करे.
किसान नेताओं ने कहा कि वो एमएसपी को लेकर गारंटी कानून से कम मानने को तैयार नहीं हैं. उनका कहना है कि सरकार को इतना तो करना ही पड़ेगा. किसान नेता जगजीत सिंह दलेवाल ने कहा कि तीनों कृषि कानून को सरकार वापस ले और एमएसपी को लेकर गारंटी कानून बनाए. सरकार को किसानों की मांगों को मानना पड़ेगा.
जगजीत सिंह ने कहा कि यह बात हम पहले भी साफ कर चुके हैं. आज भी साफ कर रहे हैं और आज की मीटिंग में भी हमारा इन्हीं बातों पर जोर रहेगा. सरकार कितना भी समझाने की कोशिश कर ले, हम मानने वाले नहीं हैं. हम सरकार को कई बार कह चुके हैं. उन्होंने कहा कि हमने लिखित में भी सरकार को बताया है कि तीनों कानूनों को तो पूरा वापस करना ही पड़ेगा.
किसान नेता जगजीत सिंह ने कहा कि अब सरकार को तय करना होगा कि वह कैसे रास्ता निकालती है, क्या करती है. हमारा आंदोलन जारी रहेगा. देशभर से किसानों का समर्थन हमको मिल रहा है. उन्होंने यह भी कहा कि हम बहुत सकारात्मक नजरिये के साथ, उम्मीद के साथ आज मीटिंग में आ रहे हैं. हमको उम्मीद है कि सरकार किसानों की भलाई के लिए कुछ ना कुछ जरूर करेगी. पिछली मीटिंग में भी हम बहुत उम्मीदों के साथ आए थे और सरकार को रास्ता निकालना होगा.
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक किसान महापंचायत के नेता रामपाल जाट ने कहा कि केंद्र सरकार को तीन कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा करनी चाहिए और उसे लिखित में देना होगा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) जारी रहेगी. अगर आज की वार्ता से कोई सकारात्मक परिणाम नहीं निकलता है, तो राजस्थान के किसान एनएच-8 के साथ दिल्ली की ओर मार्च करेंगे और जंतर मंतर पर डेरा डालेंगे.
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आज की मीटिंग में भी 40 किसान प्रतिनिधि आएंगे और अपना लंच और अपना ही नाश्ता करेंगे. किसानों का कहना कि मीटिंग के दौरान सरकार की ओर से कुछ भी ग्रहण नहीं किया जाएगा. किसान नेताओं ने पिछली दो बैठकों में भी अपना ही लंच और नाश्ता चाय किया था.