मिर्जापुर । थाना कोतवाली देहात के चौकी बरकछा क्षेत्र के पास बेलहरा मोड़ के पास अज्ञात मोटरसाईकिल सवार बदमाशों ने राजेश यादव पुत्र स्व. जोखु यादव पूर्व प्रधान निवासी हरदी खुर्द थाना मड़िहान 47 वर्ष लगभग को गोली मार दी गयी। जिनका ट्रामा सेन्टर बीएचयू वाराणसी में उपचार के दौरान राजेश यादव की मृत्यु हो गयी थी।
इस घटना के संबंध में मृतक के पुत्र शिवपाल यादव ने कोतवाली देहात पर धारा 302 बनाम दो पंजीकृत किया गया था। जिसके बाद पुलिस ने घटना का पर्दाफाश किया है।
राजेश यादव की हत्या का कारण
जमीनों की प्लाटिंग में हस्तक्षेप, दबंगई न खऱीदने देने और पैसा हड़प लेने की वजह से हुई है। जिसमें आरोपी बाबू खान उर्फ मो आजम पुत्र स्व फिरोज निवासी तरकापुर, अखिलेश दूबे पुत्र राम रेखा दूबे निवासी बिसुन्दरपुर ने मिलकर पूर्व प्रधान की हत्या की योजना बनायी गयी। जिसमें कपिल चौबे उर्फ विनय कुमार पुत्र स्व हिंछलाल निवासी खम्हरिया से अखिलेश दुबे ने मिलकर एक गैग से संपर्क कर हत्या की सुपारी देकर शुटर उपलब्ध कराये गये।
राजेश यादव के पूर्व ड्राइवर भी रहा शामिल
जिसमें मृतक पूर्व प्रधान राजेश यादव के पूर्व वाहन चालक कृपाशंकर हरिजन पुत्र लालजी निवासी गोड़टुटवा को योजना में शामिल कर लिये। जो वर्तमान में आरोपी बाबू खान का चालक है। वह इस साजिस में शामिल था, कृपाशंकर द्वारा बिना नाम पते के खरीदे गये मोबाईल व सिम कार्ड को हत्या की योजना को कारित करने के लिए इस्तेमाल किया गया। ताकि धोखाधड़ी व कुटरचित तरीको सें पुलिस को धोखा दिया जा सके परन्तु पुलिस सर्विलांस सेल द्वारा सारी गुत्थियों को सुलझाते हुए इस गिरोह का पर्दाफाश कर दिया।
बाहरी शूटरों ने दिया वारदात को अंजाम
जिससे बाबू खान उर्फ आजम,अखिलेश दूबे द्वारा पूर्व प्रधान राजेश यादव की हत्या जो कपिल चौबे उर्फ विनय कुमार व कृपाशंकर हरिजन की मदद से पेशेवर गैग को 6 लाख रुपये पर तय कर भाड़े के शुटरों से कराया गया है।
प्लाटिंग का मामला बना हत्या का कारण
गिरफ्तार बाबू खान उर्फ मो आजम नें बताया की प्लाटिंग में हस्तक्षेप, दबंगई के कारण जमीन नही खऱीदने देने और पैसा हड़प लेने की वजह से परेशान होकर मैने अखिलेश दूबे पुत्र राम रेखा दूबे नें मिलकर कपिल चौबे के माध्यम से पेशेवर गैग के पेशेवर शूटरों से 6 लाख रुपये में करवाया था। जिसमें से एडवांस में 2 लाख रुपया दे दिया गया है, हत्या में राजेश यादव मृतक के पूर्व ड्राइवर कृपाशंकर को मिलाकर लालच देकर मुखबीरी का काम कराया था। हत्या के एक दिन पूर्व से ही कपिल चौबे द्वारा भाड़े के शूटरों के साथ प्रधान की रेकी कर पहचान भी करायी गयी थी।
साजिशकर्ता और पूर्व प्रधान में थी दोस्ती
प्रधान और बाबू खान पूर्व में प्लाटिंग के काम मे पार्टनर के तौर पर काम करते थे। लेकिन कुछ पैसों के मामले से आपसी अनबन हो गया। जिसके बाद से ही बाबू खान बदला लेने के फिराक में था। अखिलेश दुबे भी जमीन के सौदागर थे इनकी भी राजेश यादव से दोस्ती के बाद मन मुटाव हो गया था जिसके बाद बाबू खान और अखिलेश दुबे ने मिलकर प्रधान की हत्या का षणयंत्र रचा। जिसके बाद पेशेवर शूटरों की मदत से घटना को अंजाम दिया गया।
पुलिस नही पकड़ सकी शूटरों को
पुलिस ने साजिश कर्ताओ को पकड़ कर घटना का पर्दाफाश कर दिया है, लेकिन अभी भी हत्यारे पुलिस की पकड़ से कोशों दूर है। हालांकि पुलिस ने बताया कि कपिल चौबे ने करने वाले गैंग से साठगाँठ किसी जेल के अंदर किसी अपराधी ने शूटरों को भेजा था। जिसके बाद शूटरों ने घटना को अंजाम देकर फरार हो गए।