(संजय उपाध्याय)
वाराणसी(काशीवार्ता)। वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण को लेकर पूरी दुनिया में भूचाल है। भारत में भी लगभग डेढ़ लाख लोग इसका शिकार होकर असमय ही अपनी जान गंवा चुके हैं। इसकी विभिषिका को भांपकर ही पीएम मोदी ने मार्च से अब तक चार बार जनता को संबोधित कर इससे बचाव के उपाय बताते हुए कोरोना गाइडलाइन के पालन की अपील की। हर अपील में उन्होंने ‘दो गज की दूरी- मास्क है जरूरी’ एवं ‘जब तक दवाई नहीं तब तक ढिलाई नहीं’ का संदेश बड़ी ही नम्रता पूर्वक दिया। यही नहीं उन्होंने आगाह भी किया कि इसमें लापरवाही हर व्यक्ति एव्ां उसके परिवार के लिए घातक हो सकती है। अतिव्यस्तता के बावजूद पीएम ने देशवासियों की चिंता को सर्वोपरि रखा और बार-बार उन्हें सावधान रहने की नसीहत दी परन्तु उनके नाम की कृपा से सत्ता का सुख भोग रहे कतिपय राजनेता उनकी इस अपील को महज किसी फिल्म का डायलॉग समझ सार्वजनिक कार्यक्रमों में भी सस्ती लोकप्रियता के लिए ‘दो गज दूरी मास्क है जरूरी’ को नजर अंदाज कर रहे हैं। ताजा मामला रोहनिया के भाजपा विधायक सुरेंद्र सिंह ‘‘औढ़े ’’ से जुड़ा है। विधायक सुरेंद्र गत दिनों भाजपा के स्थानीय पूर्व पदाधिकारी की बेटी की शादी में पहुंचे। अपने लग्जरी वाहन से जब वे उतरे तो उस समय भी उनके चेहरे पर मास्क नदारद था। यहीं नहीं समारोह में बने एक वीआईपी लाउंज में जब वे पार्टी के अन्य पदधिकारियों के साथ बैठे तो यहां ‘दो गज दूरी-मास्क है जरूरी’ का कहीं अता-पता नहीं था। सभी एक-दूसरे से सटकर बगैर मास्क लगाये बैठे दिखे। जयमाल मंच पर वर-वधू को आशीर्वाद देने भी विधायक बगैर मास्क लगाये ही पहुंचे। अपने और शादी समारोह में मौजूद सकड़ों लोगों को असुरक्षित रखने के पीछे बड़ी वजह सस्ती लोकप्रियता ही मानी जा सकती है। जाहिर है मास्क लगाने से चेहरा छिप जाता और लोगों को पता नहीं चल पाता कि विधायक जी आए हैं। वहीं बुलाने वाले का भौकाल भी नहीं बन पाता। यह इतर है कि सस्ती लोकप्रियता के चक्कर में विधायक जी ‘जान है तो जहान है’ का मूल मंत्र ही भुला बैठे।