(राजेश राय)
वाराणसी(काशीवार्ता)। शहर के किसी चौराहे पर अगर सबसे ज्यादा प्रयोग हुआ है तो वह है अंधरापुल चौराहा। चौराहे पर जाम से निजात दिलाने तथा वाहनों का दबाव कम करने के लिए क्या-क्या प्रयोग नहीं हुए। कभी रास्ते को वनवे किया तो कभी चार पहिया वाहनों को घौसाबाद की तरफ मोड़ा। यहीं नहीं पूर्व सांसद डा. मुरली मनोहर जोशी ने अपनी सांसद निधि से साढ़े तीन करोड़ रुपये अवमुक्त करा कर रेलवे पुल की बंद पड़ी दो सुरंगों को न सिर्फ खोलवाया बल्कि उसे चौड़ा भी कराया।
चौकाघाट फ्लाईओवर का जब निर्माण हुआ तो अन्य रास्तों के अलावा अंधरापुरल चौराहे पर वाहनों का दबाव भी कम करना था लेकिन इस चौराहे की मूल समस्या की तरफ किसी का ध्यान नहीं गया। अंधरापुंल पर म्यूनिस्पल स्कूल से लेकर चौराहे तक की एक पट्टी पर लगभग 10 हजार वर्गमीटर अतिक्रमण के चलते जगतगंज से अंधरापुल की ओर आने वाली सड़क चौराहे पर अत्यंत संकरी हो गयी है। अतिक्रमण कारियों में वाहन शोरूम से लेकर धर्म की आड़ में दुकानदारी करने वाले लोग भी शामिल हैं। रक्षा संपदा की यह भूमि नगर निगम की देख रेख में है। सन् 2018 में हाईकोर्ट ने स्पष्ट आदेश दिया कि 160 एकड़ रक्षा भूमि से अतिक्रमण हटा दिया जाय। परन्तु नगर निगम, विकास प्राधिकरण व जिला प्रशासन व रक्षा विभाग के अधिकारी सिर्फ बैठकें कर कर रहे हैं। सभी विभाग अपनी जिम्मेदारी दूसरे पर थोप रहे हैं। हाईकोर्ट का आदेश धूल फांक रहा है और काशी की जनता जाम में पिस रही है। प्रांजल यादव जब डीएम थे तो उस दौरान चौकाघाट फ्लाईओवर का निर्माण शुरू हुआ। उन्होंने सर्विस रोड के निर्माण की खातिर कार शोरूम तथा चौराहे के अन्य अतिक्रमण को आंशिक रूप से हटवाया। लेकिन आधे अधूरे तरीके से हटवाये गये अतिक्रमण से विशेष लाभ नहीं हुआ। यहीं नहीं तत्कालीन वीडीए सचिव मंगला प्रसाद सिंह ने मंदिर की आड़ में किये जा रहे निर्माण को न सिर्फ रोका बल्कि जेसीबी लगा कर गिरवा दिया था। महीनों तक अतिक्रमण कारी की निर्माण की हिम्मत नहीं पड़ी। परन्तु एमपी सिंह के तबादला होते ही सरकारी जमीन पर कथित धर्मशाला बन गयी। आज स्थिति यह है कि अंधरापुल पर जब ट्रैफिक रोका जाता है। तब उसका एक सिरा मरी माई मंदिर तक पहुंच जाता है। समस्या सिर्फ यहीं तक सीमित होती तो गनीमत थी। नदेसर से आने वाले चार पहिया वाहनों को अन्धरापुल की तरफ आने की अनुमति नहीं है उन्हें घौसाबाद की तरफ मोड़ दिया जाता है। परन्तु नदेसर तिराहे से आगे बढ़ने पर तिवारी पेट्रोल पंप के पास अतिक्रमण के चलते संकरी सड़क से रोज जाम लगता है। यहां भी मंदिर की आड़ में आधा दर्जन दुकाने आबाद है।
अंधरापुल चौराहे पर एक मेन रास्ता है तथा साथ में दो बड़ी सुरंगे हैं। अब ट्रैफिक महकमे की कारस्तानी देखिये। जगतगंज से आने वाले वाहनों के लिए मेन रास्ता तथा साथ की सुरंग से जाने की अनुमति है, परन्तु नदेसर से आने वाले वाहनों को सिर्फ एक सुरंग मिलते है। फलस्वरूप नदेसर चौराहे तक वाहनों की लम्बी कतार लग जाती है।