कोरोना महामारी की शुरुआत से ही इस बात को लेकर चर्चा काफी गरम है कि चीन के वुहान शहर से इस वायरस की उत्पत्ति हुई है. चीन पर आरोप है कि समय रहते कोरोना से संबंधित जानकारी साझा नहीं की गई. इस वजह से यह वायरस पूरे विश्व में फैल गया. इस बीच गुरुवार को चीन ने कहा कि वह कोरोना वायरस के उत्पत्ति स्थल का पता लगाने के वैश्विक प्रयासों में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की मदद करने को तैयार है. वायरस के मूल का पता लगाने में मदद करने संबंधी चीन का बयान ऐसे समय आया है जब संयुक्त राष्ट्र की स्वास्थ्य एजेंसी के विशेषज्ञ मध्य चीनी शहर का दौरा करने की तैयारी कर रहे हैं.
बीबीसी ने WHO के हवाले से कहा कि संयुक्त राष्ट्र की स्वास्थ्य एजेंसी की 10 लोगों की टीम कोरोना वायरस के उत्पत्ति स्थल की जांच करने अगले महीने वुहान शहर का दौरा करेगी. चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने मीडिया ब्रीफिंग में इस बारे में एक सवाल के जवाब में कहा कि WHO ने भी चीन को कोरोना वायरस के उत्पत्ति स्थल का पता लगाने संबंधी वैश्विक प्रयासों की ताजा स्थिति से अवगत कराया है.
उन्होंने कहा कि चीन इस वायरस के मूल का पता लगाने के वैश्विक प्रयासों में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की मदद करने को तैयार है. चीन दुनिया में महामारी फैलने को लेकर इसलिए सवालों के घेरे में है क्योंकि तमाम विशेषज्ञ कोरोना वायरस का उत्पत्ति स्थल चीनी शहर वुहान को मानते हैं. उनका आरोप है कि चीन ने समय रहते इस घातक विषाणु के बारे में पर्याप्त जानकारी उपलब्ध नहीं कराई.
WHO की टीम जाएगी चीन
WHO की अंतरराष्ट्रीय टीम कोविड-19 वायरस की उत्पत्ति की जांच के लिए जनवरी में चीन जाएगी. WHO ने बुधवार को इसकी जानकारी दी. WHO के प्रवक्ता हेडिन हैल्डर्सन ने न्यूज एजेंसी एएफपी को बताया कि मैं इस बात की पुष्टि कर सकता हूं कि एक्सपर्ट टीम, जिसमें महामारी विशेषज्ञ और पशु स्वास्थ्य विशेषज्ञ शामिल हैं वे जनवरी में चीन का दौरा करेंगे.
इससे पहले जुलाई में भी विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के दो विशेषज्ञ जांच के लिए चीन पहुंचे थे. विश्व स्वास्थ्य संगठन के हेड टेड्रोस एडहानॉम ने कहा था कि इस वायरस के मूल स्रोत को जानना बेहद जरूरी है. उन्होंने कहा था यह विज्ञान है जो लोगों के स्वास्थ्य से जुड़ा हुआ विषय है. अगर हम इस वायरस के स्रोत को जान जाते हैं तो हम इस महामारी से आज के मुकाबले बेहतर लड़ाई लड़ सकते हैं.
बता दें, अब तक के सभी शोध में ज्यादातर वैज्ञानिकों का दावा रहा है कि यह वायरस जानवरों से इंसानों में फैला है. कई रिपोर्ट में चीन के वुहान में जानवरों के बाजार से इस वायरस के फैलने की संभावना जताई जा चुकी है.
दिसंबर 2019 में चीन में इस वायरस ने दस्तक दी थी और उसके बाद से चीन को इस वायरस के फैलने के लिए जिम्मेदार ठहराया जा रहा था. विश्व स्वास्थ्य संगठन पर भी इस मामले में चीन का पक्ष लेने का अमेरिका समेत कई देशों ने आरोप लगाया था.