खबर का असर
वाराणसी (काशीवार्ता)। जल निगम वाराणसी क्षेत्र के मुख्य अभियंता ने काशीवार्ता में ‘गेस्ट हाउस पर एक वर्ष से काबिज हैं मुख्य अभियंता’ शीर्षक से समाचार प्रकाशित होने के साथ ही आनन-फानन में एक वर्ष की छुट्टियों को हटाते हुए गेस्ट हाउस का किराया 30 हजार रुपये जमा कर गेस्ट हाउस को खाली कर दिया। सूत्रों के अनुसार किसी भी अधिकारी को विभागीय गेस्ट हाउस में अधिकतम एक माह की अवधि निर्धारित है उसके पश्चात उसे सरकारी आवास में शिफ्ट हो जाना चाहिए। यदि सरकारी आवास उपलब्ध नहीं है तो अपनी सुविधानुसार किराए के मकान में रहना पड़ता है। परन्तु जल निगम के मुख्य अभियंता ने नियमों की अनदेखी कर अपने रुतबे का इस्तेमाल करते हुए एक वर्ष से भी अधिक समय गेस्ट हाउस में व्यतीत करने के साथ ही वेतन के साथ मिलने वाले आवास भत्ता को भी लेते रहे। जिससे जल निगम को आवास भत्ता के रूप में मिलने वाले राजस्व का लगभग एक लाख रुपये का नुकसान उठाना पड़ा। अब प्रश्न यह उठता है कि क्या ब्यूरोक्रेट्स इसी प्रकार सरकारी धन का दुरुपयोग करते रहेंगे या इनके खिलाफ सरकार द्वारा कार्रवाई भी की जायेगी। क्योंकि मुख्य अभियंता द्वारा गेस्ट हाउस के एक वर्ष का लगभग 30 हजार चेक के माध्यम से भुगतान कर इस बात की पुष्टि कर दी है कि वे एक वर्ष तक सरकारी गेस्ट हाउस में रहते हुए वेतन के साथ आवास भत्ता का भी लाभ उठाते रहे हैं।