परिवहन घोटाले में नगर निगम के 5 कर्मचारी निलंबित


एक्सईएन पर होगी कड़ी कार्रवाई, चार व्यवसायिक फर्मों के विरुद्ध दर्ज होगी एफआईआर
वाराणसी (काशीवार्ता)। नगर निगम परिवहन विभाग में व्याप्त धांधलियों के उजागर होने पर विभागीय जांच के बाद आज नगर आयुक्त गौरांग राठी ने पांच कर्मचारियों को निलंबित करने के साथ ही एक एक्सईएन के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई हेतु शासन को पत्र लिखने का आदेश दिया। इसी के साथ दस व्यवसायिक फर्मों को ब्लैकलिस्टेड करने का भी आदेश जारी किया। इन्हीं में से चार फर्मों के विरुद्ध एफआईआर भी दर्ज करने का आदेश दिया। 22 लाख 85 हजार के घोटाले की जानकारी नगर आयुक्त ने आज निगम कार्यकारिणी कक्ष में आयोजित पत्रकारवार्ता में दी। उन्होंने बताया कि अपर नगर आयुक्त की अध्यक्षता में फैक्ट फाइडिंग समिति की एक जांच कमेटी का गठन किया गया था। जिसकी जांच में प्राप्त 300 फाइलों का अध्ययन करने के बाद यह बात सामने आई कि दस में से चार फर्मों एलाइड इन कारपोरेशन, नेशनल इलेक्ट्रिल कंपनी, मनीष आटो सेल्स, यूनाइटेड सेल्स कंपनी का पता आवासीय था। उसे एक ही व्यक्ति द्वारा संचालित किया जाता रहा है। यह कंपनी परिवहन विभाग में टायर ट्यूब की सप्लाई करती थी। गौरतलब है कि ‘काशीवार्ता’ ने अभी चार दिन पूर्व यह खबर प्रकाशित की थी कि परिवहन विभाग में कार्यरत फर्में अनावासीय न होकर आवासीय पते पर काम कर रही थीं।
नगर आयुक्त गौरांग राठी ने बताया कि पंद्रह दिनों में चार्जशीट दाखिल की जायेगी और बाद में निलंबित कर्मचारियों से घोटाले के धन की रिकवरी होगी। उन्होंने बताया कि क्रय किये गये वाहन पार्ट्स का कोई भी लॉग बुक मेंटेन नहीं पाई गई। दस लाख रुपए के ऐसे पार्ट्स हैं जिनकी कोई आवश्यकता नहीं है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2018-19 में टायर-ट्यूब, बैटरियों की खरीद में 22 लाख 48 हजार 452 रुपये राजस्व की क्षति हुई है। इसके अंतर्गत केंद्रीयत सेवा के जूनियर फीटर संतोष सिंह, तत्कालीन परिवहन लिपिक वाचस्पति मिश्रा व अवर अभियंता ललित मोहन श्रीवास्तव को दोषी पाते हुए उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। इसी क्रम में केन्द्रीयत सीमा के अधिशासी अभियंता अजय कुमार राम को जेम पोर्टल से विसंगति पूर्ण प्रक्रिया के तहत 8 लाख 64 हजार 737 रुपये के नये वाहन खरीदने में दोषी पाया गया। इनके विरुद्ध कठोरतम कार्रवाई के लिए मुख्य सचिव को पत्र लिखा गया है। इसी तरह निगम द्वारा संचालित डीजल पम्प पर वित्तीय वर्ष 2018-19 में तैनात लिपिक दिनेश कुमार व नवनीत कुमार को वाहनों का लॉग बुक मेंटेन न करने पर निलंबित कर दिया गया है। वित्तीय वर्ष 2018-19 में चार फर्मों द्वारा एक ही फोन नंबर, एक ही मोबाइल नंबर दर्ज किया गया था। जांच में दो फर्मों का कार्यालय एक ही पाया गया। इसी तरह वर्ष 2018-19 में वाहनों की मरम्मत, क्रय-विक्रय में तत्कालीन मुख्य वित्त लेखाधिकारी अनिल कुमार सिंह का स्पष्टीकरण मांगा गया है। इसके अलावा वर्ष 2018-19 के पूर्व वर्ष 2014 से अब तक परिवहन विभाग की जांच के लिए शासन को लिखा गया है।