बीएचयू में शुरू होगा देश का पहला “अटल अध्ययन केंद्र”


वाराणसी (काशीवार्ता)। राजनीतिज्ञ, कूटनीतिज्ञ, पक्ष और विपक्ष, कवि, साहित्यकार, कुशल वक़्ता सभी खूबियां वाले शख्स का नाम लिया जाये तो वे भारत रत्न और देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी है। बाजपेयी जी का जन्म दिवस 25 दिसंबर को है। इस दिन काशी हिंदू विश्वविद्यालय एक ऐसा सेंटर खोलने जा रहा है, जिसका नाम अटल स्टडी सेंटर होगा और ये बहुविषयक अध्यन केंद्र होगा। इस सेंटर के अंतर्गत शोध छात्र अटल बिहारी वाजपेई के जीवन परिचय और दर्शन, राजनीति से लेकर कवि मन तक, चिंतन व व्यक्तित्व के बारे में शोध करेंगे। अध्ययन केंद्र में पीजी कोर्स और डिप्लोमा कोर्स भी शामिल होगा। जिसका प्रस्ताव बीएचयू के 10 विभाग मिला कर बना रहे है। उम्मीद है इसे जल्दी ही मंजूरी भी मिल जाएगी।
भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेई के बहुआयामी व्यक्तित्व से नेता ही नहीं आम जनता भी प्रभावित रहती थी। इनके कायल देश ही नहीं दुनिया में भी लोग थे। कुशल राजनीतिज्ञ और साहित्यकार सत्ता और विपक्ष सभी के प्रिय, राष्ट्रभक्त और कुशल वक़्ता जिनपर विपक्ष को भी भरोसा रहता था।, सर्वश्रेष्ठ सांसद की उपाधि पाने वाले अटल बिहारी वाजपेई का व्यक्तित्व हरफनमौला था, जिसकी तारीफ सभी दल के राजनितज्ञ करते थे। अब उनके जीवन जीने कि कला को लोग अपने जीवन में उतारना चाहते हैं। ऐसे में बीएचयू के सामाजिक विज्ञान संस्थान में अटल अध्ययन केंद्र का स्थापना करने जा रही है। अटल अध्ययन केंद्र में अटल युग से लेकर मोदी और योगी युग तक की बात होगी। अटल जी ने राज ऋषि की बात कही थी जिसका स्वरुप आज उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में नाथ सम्प्रदाय प्रमुख योगी आदित्य नाथ दिख रहे है। देश की राजनीती के इतिहास में पहला राज्य उत्तर प्रदेश है, जहाँ का मुखिया साधारण से वस्त्र में एक ऋषि है यानी एक योगी है, संत है, साधू है, जिसकी जन सेवा, जन कल्याण के अलावा कोई लालसा नहीं है। अटल जी का जीवन दर्शन और राजनितिक दर्शन, राजनितिक यात्रा, संसद और संसद के बाहर दिए गए वक्तब्य सभी इस सेण्टर में पढ़ाया जायेगा। मसलन कुशल राजनीतिज्ञ का राजधर्म और कवि का नया गीत गाता हूं का दर्शन क्या है, समाज का सशक्तिकरण जिसमे महिला और पुरुष दोनों है, मेड इन इंडिया मेक इन इंडिया, शाइनिंग इंडिया, टेलीकॉम, स्वर्ण चतुर्भुज राजमार्ग योजना, जय विज्ञान, प्राचीन भारतीय राजनीतिक चिन्तन, विवेकानंद, सावरकर, अरविंद, रामराज्य, अयोध्या आन्दोलन, सांस्कृतिक राष्ट्रवाद, हिन्दुत्व आदि समेत कई विषयों पर शोध होगा जिसकी धारा समाज को नई दिशा देगी। बहुविषयक अध्ययन होने के कारण कई विभाग के विषयों के विशेषज्ञों का समावेश अटल अध्ययन केंद्र में होगा जैसे, आई-आईटी -बीएचयू, इतिहास, समाजशास्त्र, अर्थशास्त्र, समेत 10 से अधिक विभाग इस स्टडी सेंटर को शुरू करने के लिए तैयारी कर चुके हैं। समाजिक विज्ञान संकाय प्रमुख प्रो. कौशल किशोर मिश्र के अनुसार पाठ्यक्रम तैयार हो चुका है, इसी माह पाठ्यक्रम उसे बीएचयू के विद्वत परिषद की बैठक में चर्चा के लिए रखा जाएगा जिसके बाद उम्मीद है कि से मंजूरी मिल जाएगी। स्टडी सेंटर की खास बात यह होगी कि यहां छात्र-छात्राओं के साथ ही अन्य देश विदेश से आने वाले शोध करने वाले छात्रों के लिए भी यह स्टडी सेंटर आसानी से उपलब्ध हो सकेगा। भारत रत्न पंडित मदन मोहन मालवीय की बगिया काशी हिन्दू विश्विद्यालय ऐसा पहला विश्विद्यालय होगा, जहां भरत रत्न अटल बिहारी बाजपेयी के जीवन पर आधारित अध्यन केंद्र होगा। इस पहल से शोध करने वाले विद्यार्थियों में काफी उत्सुकता है