पाकिस्तान के विपक्षी गठबंधन के नेताओं ने रविवार को पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो की 13वीं पुण्यतिथि के अवसर पर प्रधानमंत्री इमरान खान के नेतृत्व वाली सरकार के खिलाफ विशाल रैली आयोजित की. यह रैली सिंध प्रांत में निकाली गई थी. पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो ने बेनजीर के गृहनगर लरकाना में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि विपक्षी दल पाकिस्तान को अक्षम पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) सरकार से बचाने के लिए एकजुट हो गए हैं.
बेनजीर के बड़े बेटे बिलावल ने कहा कि देश को बचाने के लिए पाकिस्तान के लोगों को इसी तरह एकजुट होना चाहिए. वर्चुअल (ऑनलाइन) रैली को संबोधित करते हुए पूर्व राष्ट्रपति और पीपीपी के सह-अध्यक्ष आसिफ अली जरदारी ने कहा कि उनकी पत्नी बेनजीर को हमेशा से उम्मीद थी कि पीपीपी हमेशा न्याय की लड़ाई जारी रखेगी.
जरदारी ने कहा कि बेनजीर की पुण्यतिथि ‘लाल सलाम’ का दिन है, जो पार्टी के सदस्यों द्वारा उन्हें श्रद्धांजलि है. पीपीपी नेता ने कहा, ”मैं आपसे कहना चाहता हूं कि बहुत ज्यादा चिंता की बात नहीं है. बस कुछ दिनों के लिए यह सरकार रह गई है. वो अपने कर्मों के कारण ही जल्द गिरने वाली है.
वहीं पाकिस्तान मुस्लिम लीग की उपाध्यक्ष मरियम नवाज ने गरही खुदा बख्श में रैली को संबोधित करते हुए कहा कि इमरान खान की लड़ाई पीडीएम (पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट) से नहीं है, बल्कि पाकिस्तान की 22 करोड़ आवाम से है.
क्या है पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट?
पाकिस्तान में भले ही लोकतांत्रिक तरीके से इमरान सरकार चुन कर सत्ता में गई हो, लेकिन इनपर आर्मी की कठपुतली सरकार के तौर पर काम करने का आरोप लगता रहा है. इसी मुद्दे को ध्यान में रखकर सितंबर 2020 में पाकिस्तान की 11 सियासी पार्टियों ने एक मोर्चा बनाया है. इसमें पाकिस्तान की दोनों प्रमुख विरोधी पार्टियां एकजुट हो गई हैं. इसी मोर्चे को पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट के नाम से जाना गया है.