प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को ओडिशा के आईआईएम संबलपुर के स्थायी कैंपस का शिलान्यास किया. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए प्रधानमंत्री ने डिजिटल इस कैंपस की आधारशिला रखी. पीएम मोदी ने कहा कि भारत के लिए उत्तम कालखंड आया है. आज के स्टार्टअप ही कल के उद्यमी बनेंगे. पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा, संबलपर बड़ा एजुकेशनल हब बन रहा है. संबलपुर के लोकल को वोकल बनाना भी हमारा दायित्व है. अधिकतर स्टार्टअप्स टीयर 2 और टीयर 3 शहरों में आ रहे हैं. फार्मिंग से लेकर स्पेस सेक्टर तक, स्टार्टअप्स का स्कोप बढ़ रहा है.
पीएम मोदी ने कहा, देश के नए क्षेत्रों में नए अनुभव लेकर निकल रहे मैनेजमेंट एक्सपर्ट भारत को नई ऊंचाई पर ले जाने में बड़ी भूमिका निभाएंगे. इस साल भारत ने कोविड संकट के बावजूद पिछले सालों की तुलना में ज्यादा यूनिकॉर्न दिए हैं. उन्होंने कहा, बीते दशकों में एक ट्रेंड देश ने देखा, बाहर बने मल्टी नेशनल बड़ी संख्या में आए और इसी धरती में आगे भी बढ़े. ये दशक और ये सदी भारत में नए-नए मल्टीनेशनल्स के निर्माण का है.
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खोजने होंगे नए समाधान: मोदी
पीएम मोदी ने कहा कि लोकल को ग्लोबल बनाने के लिए आईआईएम के छात्रों को नए और इनोवेटिव समाधान खोजने होंगे. उन्होंने कहा कि आईआईएम लोकल उत्पादों और ग्लोबल सहयोग के बीच पुल का काम कर सकते हैं. पीएम मोदी ने कहा, जब आप में से कई साथी संबलपुरी टेक्सटाइल और कटक की फिलिगिरी कारीगरी को ग्लोबल पहचान दिलाने में अपने कौशल का इस्तेमाल करेंगे, यहां के टूरिज्म को बढ़ाने के लिए काम करेंगे, तो आत्मनिर्भर भारत अभियान के साथ ही ओड़िशा के विकास को भी नई गति मिलेगी.
मैनेजमेंट स्किल्स की डिमांड तेजी से बदल रही है: पीएम
उन्होंने कहा कि काम करने के तरीके और मैनेजमेंट स्किल्स की डिमांड तेजी से बदल रही है. आज उच्च स्तर पर ज्यादा भारी-भरकम मैनेजमेंट की जरूरत नहीं है. यह सहयोगी, नवीन और परिवर्तनकारी प्रबंधन में बदल गया है. संबोधन में पीएम मोदी ने कहा, कहीं से भी काम करने के कॉन्सेप्ट से पूरी दुनिया ग्लोबल विलेज से ग्लोबल वर्कप्लेस में बदल गई है. भारत ने भी इसके लिए हर जरूरी रिफॉर्म्स बीते कुछ महीनों में तेजी से किए हैं.
पीएम मोदी ने कहा कि कोविड के समय, भारत ने पीपीई किट्स, मास्क और वेंटिलेटर्स का स्थायी समाधान खोज लिया है. उन्होंने कहा कि समस्या का हल खोजने के लिए भारत ने छोटी अवधि के कदम उठाए थे. आज भारत ने अपनी अप्रोच को लॉन्ग टर्म सॉल्यूशन्स में तब्दील कर लिया है. जानकारी के मुताबिक, IIM संबलपुर कैंपस का निर्माण कार्य अप्रैल 2022 तक पूरा हो जाएगा. यहां बनने वाली सभी इमारतें आधुनिक सुविधाओं से लैस होंगी. ये इमारतें ऊर्जा के मामले में किफायती तो होंगी ही, साथ ही हरित श्रेणी की होंगी और ‘जीआरआईएचए’ के मानकों के अनुरूप होंगी.