बॉलीवुड में बतौर अभिनेता, डांसर, कॉमेडियन और वॉयस आर्टिस्ट अपनी पहचान बनाने वाले जावेद जाफ़री ने फ़ायर, ‘ओह डार्लिंग ये है इंडिया’, ‘जजंतरम ममंतरम’, ‘सलाम नमस्ते’, ‘धमाल सिरीज़’, ‘सिंह इज़ किंग’, ‘3 इडियट्स’ जैसी कई फ़िल्मों में काम किया है.
इसके अलावा टेलीविज़न में डांस रियलिटी शो ‘बूगी वूगी’ समेतऔर शो भी होस्ट किये हैं.
फ़न शो ‘टकेशीज़ कासल’ में उनकी आवाज़ का जादू सुनाई दिया और डिज़्नी के कई हिन्दी कार्टून कैरेक्टर्स जैसे मिकी माउस, गूफ़ी, डॉन कारनेज को भी उन्होंने अपनी आवाज़ दी है.
जावेद जाफ़री अपने 35 साल के लम्बे करियर के बारे में बताते हैं कि उनकी पहली फ़िल्म की कामयाबी के कारण उन्हें कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा.
‘खलनायक की भूमिका मेरे लिए बनी सबसे बड़ी मुश्किल’
जावेद जाफ़री ने बॉलीवुड में अपने एक्टिंग करियर की शुरुआत जाने माने निर्माता-निर्देशक सुभाष घई की फ़िल्म ‘मेरी जंग’ से की थी.
इस फ़िल्म से उन्हें कामयाबी तो मिली लेकिन साथ ही करियर में कुछ मुश्किलें भी आ गईं.
बीबीसी हिंदी से ख़ास बातचीत में जावेद जाफ़री कहते हैं, “सुभाष घई जी ने मुझे पहला बड़ा मौक़ा दिया. पहली फ़िल्म से कामयाबी तो मिली लेकिन कुछ बाधाएं भी आ गई थीं. सुभाष घई साहब मुझे अपनी फ़िल्म में लॉन्च कर रहे थे और इस फ़िल्म को लिखा था जावेद अख़्तर जी ने. ये बहुत बड़ी बात थी. मैंने ‘मेरी जंग’ में खलनायक की भूमिका निभाई थी. मैं खलनायक के किरदार में लॉन्च हुआ था और उस वक़्त लोगों के ज़हन में छप गया था कि ये खलनायक है. दूसरी किसी फ़िल्म में हीरो कैसे ले सकते हैं. ये तो खलनायक है और ये ही सबसे बड़ी बाधा मेरे लिए बनी.”
‘शुरुआती दिनों की कई फ़िल्मों से ख़ुश नहीं था‘
अपनी पहली फ़िल्म से बनी इमेज के बारे में जावेद आगे कहते हैं, “मैं सुभाष जी का वो खलनायक था जो एक अच्छा डांसर भी है लेकिन उस दौर में खलनायक नहीं हीरो डांस करता था. शुरुआत में सब लोग सोचते थे कि सुभाष घई साहब ने इसे खलनायक क्यों लॉन्च किया अगर ये हीरो बन सकता है तो उन्होंने इसे हीरो क्यों नहीं बनाया? पहली फ़िल्म के बाद मुझे अच्छे और सकारात्मक भूमिका वाले किरदार मिलने में काफ़ी वक़्त लगा. मैं उस दौरान कई फ़िल्में कर रहा था लेकिन मैं ख़ुश नहीं था, सिर्फ़ काम करते जा रहा था.”
“टीवी पर वो लोग जाते हैं जिनके पास कुछ काम नहीं होता”
इंडस्ट्री में 35 साल का वक़्त गुज़ार चुके जावेद जाफ़री कहते हैं, “मेरी ज़िन्दगी में बड़ा बदलाव टेलीविज़न लेकर आया. टेलीविज़न जब शुरू हुआ तो मैंने यहाँ काम करने का फ़ैसला लिया और जब काम शुरू किया तो उस वक़्त लोगों ने मुझे कहा तुम पागल हो. टीवी पर आ रहे हो. ये एक प्रोफ़ेशनल सुसाइड है. जिन लोगों के पास कुछ नहीं होता है वो लोग ही टीवी पर जाते हैं.”
जावेद कहते हैं, “लोगों की बात सुनकर मैंने उनसे कहा था कि देखो टीवी की अपनी एक अलग ऑडियंस है और उस दौरान मैं चैनल वी के ज़रिए युवा लोगों के संपर्क में आया जिनकी अपनी एक ज़बान है. आज जो इंटरनेट में हाय, हेलो, सलाम वाली भाषा सुनायी देती है, उसकी शुरुआत मैंने बहुत पहले टीवी पर की थी. टीवी में कई शो होस्ट करने के बाद डांस रियलिटी शो ‘बूगी वूगी’ से मुझे बहुत कामयाबी मिली. मेरी कामयाबी और टीवी पर मेरे काम को देख कई दिग्गजों ने जैसे शम्मी कपूर साहब, अमिताभ बच्चन साहब, धर्मेंद्र जी, महमूद साहब, जया प्रदा ने ना केवल सराहना की थी बल्कि मेरा हौसला भी बढ़ाया था.”
साल 2000 ने मुझे डूबने से बचाया
साल 2000 जावेद के लिए बहुत ख़ास था.
जावेद कहते हैं, “साल 2000 में ‘जजंतरम ममंतरम’ आई और फिर ‘सलाम नमस्ते’. इससे एक अलग बदलाव आया. कुछ समय बाद धमाल आई. ज़िन्दगी में कुछ ना कुछ ऐसा काम हुआ जिनसे मैं ज़िंदा रहा. कहते हैं ना आप समुन्दर में तैर रहे हैं लेकिन डूबे नहीं. मेरी कुछ फ़िल्मों ने, होस्टिंग और शो ‘बूगी वूगी ने मुझे डूबने नहीं दिया, मुझे बचा लिया.”
येकैरेक्टर एक्टर कहना ही ग़लत है
जावेद को अपने 35 साल के करियार को लेकर कोई शिकायत नहीं हैं. परेशानी है तो सिर्फ़ एक शब्द से. वो शब्द है ‘कैरेक्टर एक्टर.’
जावेद कहते हैं “एक अभिनेता का काम ही यही है कि जब वो कोई फ़िल्म करे तो वो उस किरदार में रहे यानी कैरेक्टर में रहे लेकिन हमारी फ़िल्म इंडस्ट्री में एक टर्म है जो बहुत ज़्यादा इस्तेमाल होता है और वो है कैरेक्टर एक्टर. ये होता क्या है आज तक मुझे समझ नहीं आया.” वो कहते हैं, “मेरी नज़र में हर एक्टर कैरेक्टर होता है, फिर वो हीरो हो या हीरोइन. वो भी तो केरेक्टर हैं. फिर मेरे हिसाब से आप लीड एक्टर या सपोर्टिंग एक्टर कह कर बुला सकते हैं लेकिन ये कैरेक्टर एक्टर कहना ही ग़लत है.”
जावेद जाफ़री ने डेविड धवन की फ़िल्म कुली नंबर वन में भी अहम भूमिका निभाई है. इस नई कुली नंबर वन में वरुण धवन और सारा अली ख़ान मुख्य भूमिका में हैं.
इसके अलावा जावेद, रोहित शेट्टी की फ़िल्म सूर्यवंशी और सैफ़ अली ख़ान के साथ भूत पुलिस में नज़र आने वाले हैं.