असम: तेजपुर यूनिवर्सिटी में पीएम मोदी का संबोधन, ‘वोकल फोर लोकल’ पर जोर


देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने असम के तेजपुर केंद्रीय विश्वविद्यालय के 18वें दीक्षांत समारोह को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने देश के युवा जोश और देश की क्षमता की तारीफ की. उन्होंने युवाओं को संबोधित करते हुए कहा कि आप सिर्फ अपने फ्यूचर के लिए नहीं देश के फ्यूचर के लिए भी काम करें. पीएम मोदी ने वोकल फॉर लोकल पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि यह युवा जोश ही है और देश की क्षमता का नतीजा है कि भारत ने तेजी से फैसले लिए, इसलिए कोरोना वायरस से प्रभावी रूप से देश लड़ पाया. आज भारत में बनी कोरोना वैक्सीन विश्वभर के देशों को सुरक्षा कवच प्रदान कर रही है.

उन्होंने कहा कि आज का भारत बड़े स्केल पर काम करने से नहीं डरता है.भारत में टॉयलेट बनाने का सबसे बड़ा अभियाल, हर किसी को आवास देने के लिए घर बनाने का सबसे बड़ा अभियान, सभी घरों में शुद्ध जल पहुंचाने, हेल्थ स्कीम, और कोरोना वैक्सीन टीकाकरण का सबसे बड़ा अभियान भारत में चलाया जा रहा है.

अपने संबोधन के शुरुआत में उन्होंने कहा कि आपके शिक्षक, प्रोफेसर और माता पिता के लिए यह दिन काफी अहम है. आज से आपके नाम के साथ-साथ तेजपुर यूनिवर्सिटी का नाम जुड़ गया. आज आप अपने भविष्य को लेकर जितनी आशा से भरे हुए हैं उतना ही मेरा आप सब पर अपार विश्वास है. मुझे भरोसा है कि आपने तेजपुर में रहते हुए जो सीखा है असम की प्रगति को देश की प्रगति को नई ऊंचाई देगा.

पीएम मोदी ने इस दौरान कहा कि भारत फैसले लेने से नहीं डरता है. भारत में सबसे बड़ी हेल्थ स्कीम, हर किसी को आवास देने का अभियान, हर घर में जल पहुंचाने का अभियान, सबसे ज्यादा टॉयलेट बनाने का अभियान और अब कोरोना काल में सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान चलाया जा रहा है. पीएम मोदी ने कहा कि, कोरोना के काल में आत्मनिर्भर भारत अभियान हमारी शब्दावली का अहम हिस्सा हो गया है. हमारे अंदर वो घुल मिल गया है. हमारा पुरुषार्थ, हमारे संकल्प, हमारी सिद्धि, हमारे प्रयास ये सब हम अपने ईर्द-गिर्द महसूस कर रहे हैं.

भारतीय क्रिकेट टीम की जीत की चर्चा

पीएम मोदी ने ऑस्ट्रेलिया दौरे पर गई भारतीय टीम की जीत की चर्चा करते हुए कहा कि भारतीय टीम ने विषम परिस्थितियों में शानदार जीत हासिल की. हमारे खिलाड़ियों की इस जीत से काफी कुछ सीखा जा सकता है. हमारे नए खिलाड़ियों ने अनुभवी खिलाड़ियों से सजी हुई टीम को हराया. अगर सकारात्मक सोच के साथ कुछ किया जाए तो उसका परिणाम भी सकारात्मक ही निकलता है. उन्होंने कहा कि इससे यह भी सीखा जा सकता है कि अगर एक तरफ निकल जाने का रास्ता हो और दूसरी तरफ मुश्किल भरी जीत हो तो हमें जीत की तरफ कदम बढ़ाने चाहिए.