दशो-दिशाओं में गूंजा सिर्फ हर-हर महादेव


बाबा दरबार में चढ़ा अखंड जलधार


वाराणसी। महाशिवरात्रि पर महादेव की नगरी श्रद्धालुओं से जहाँ पटी रही तो हर तरफ हर-हर महादेव की गूंज सुनाई देती रही । बुधवार की देर शाम से ही बाबा विश्वनाथ का दर्शन करने के लिए लोगों की कतार मंदिर के बाहर लगी जो गुरुवार को भी अटूट रही। मंदिर के कपाट मंगला आरती के बाद खुले तो दर्शन करने वालों का सैलाब उमड़ता चला गया।
मैदागिन की ओर से आने वाले भक्त पांचों पंडवा की ओर से गर्भगृह की ओर भेजे गये तो गोदौलिया से आने वाले भक्तों को बांसफाटक से ढुंढिराज गणेश मंदिर होकर दर्शन के लिए आये। निकासी निमार्णाधीन कॉरिडोर की ओर से अलग-अलग द्वारों के जरिए हुई। कॉरीडोर में चल रहे निर्माण के बीच से भक्तों को सुरक्षित निकालने के लिए मंदिर प्रबंधन की ओर से समुचित व्यवस्था की गई थी। मैदागिन से आने वाले भक्तों की दर्शन के बाद वापसी कॉरिडोर से मणिकर्णिका की ओर निकलने वाली गली से कराई जा रही है। गोदौलिया से आने वाले भक्त कॉरिडोर से विशालाक्षी मंदिर वाली गली से भेजे जा रहे हैं। वीआईपी सुगम दर्शन और दिव्यांगों की छत्ताद्वार से प्रवेश कर मंदिर के दो नंबर गेट (पुराने सरस्वती फाटक) से निकासी की व्यवस्था है। कड़ी सुरक्षा का रहा इंतजाम: महाशिवरात्रि पर श्रीकाशी विश्वनाथ के दर्शन-पूजन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं की सुरक्षा व्यवस्था के मद्देनजर आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) के 30 कमांडो संग भारी भरकम सुरक्षाकर्मी तैनात रहे। सुरक्षा व्यवस्था की कमान स 10 एडिशनल एसपी के जिम्मे थी। इसके अलावा 10 कंपनी सेंट्रल पैरामिलिट्री फोर्स के जवान व गोदौलिया, दशाश्वमेध, चौक और मैदागिन क्षेत्र में 25 डिप्टी एसपी, 415 दरोगा-इंस्पेक्टर और 1250 सिपाही-हेड कांस्टेबल चक्रमण करते रहे। 200 महिला-पुरुष पुलिसकर्मी सादे कपड़ों में तैनात रही। गंगा की धारा में जल पुलिस संग एनडीआरएफ के तमाम जवान तैनातरहे। इसी तरह बीएचयू स्थित काशी विश्वनाथ मंदिर और शहर के अन्य प्रमुख शिवालयों में भी पर्याप्त संख्या में फोर्स की तैनाती रही।


बोल-बम के उद्घोष संग पंचकोशी यात्रा पर निकले हर्षित शिवभक्त
वाराणसी। काशी की प्रसिद्ध पंचक्रोशी यात्रा पर महाशिवरात्रि से एक दिन पूर्व श्रद्धालु निकल गए। यह सबसे लंबी यात्रा है। यह यात्रा गंगा स्नान करने के बाद विश्वेश्वर दर्शन से शुरू होती है। यात्रा पांच कोश (11 मील) के घेरे में होती है। यात्री नदी तट के सभी तीर्थों का दर्शन कर दुगार्कुण्ड से कंदवा में देवायतनों का दर्शन करते हैं, भीमचण्डी में दर्शन के बाद , रामेश्वर के दर्शन के बाद फिर अगला पड़ाव शिवपुर और कपिलधारा होते हुए आस्थावान साक्षी विनायक पहुंच कर यात्रा पूरी करते है। यात्रा के दौरान यात्री 108 तीर्थस्थलों और मंदिरों में जाकर दर्शन-पूजन करते हैं। जहां 56 शिवलिंग, 11 विनायक, 10 शिवगण, 10 देवियों, 4 विष्णुओं, 2 भैरवों और 15 अन्य तीर्थों में जाते हैं। पिछले कुछ वर्षों में पंचकोशी यात्रा को लेकर युवाओं में भी आस्था बढ़ी है। इस यात्रा में अब वह भी बढ़चढ़कर हिस्सा ले रहे है। बुधवार की शाम ढलते ही गंगा स्नान के बाद ‘हर-हर महादेव’ और ‘बम-बम भोले’ का उद्घोष गूँजता रहा। पूरी रात श्रद्धालु मंदिरों में भगवान का दर्शन करते रहेंगे।
सीवर जल, खराब सड़क से फजीहत: सरकार लाख इंतजाम करे लेकिन अफसर ठेकेदार गठजोड़ एवं योजनाओं में मुद्रा मोचन से पंचकोशी रोड भी अछूता नहीं है।यहाँ करोड़ो रुपए मार्ग पर खर्च हुए लेकिन कोई सुधार तो दूर व्यवस्था पहले से भी खराब दिखी। पंचकोशी सारँगतालाब के बीच दो जगह बीच सड़क पर सीवर के पानी में नंगे पांव भक्तो को गुजरना पड़ा। इस सड़क पर कपिलधारा तक सड़क संकरी व खराब होने से श्रद्धालुओं की फजीहत भी खूब हुई।


शिव भक्तों पर मुस्लिम समुदाय ने की पुष्पवर्षा
वाराणसी। आज काशी में महाशिवरात्रि का पर्व धूम-धाम के साथ मनाया जा रहा है और हर कोई बाबा की भक्ति में लीन दिखाई दे रहा है. इन सबके बीच एक अलग और चौका देने वाली तस्वीर देखने को मिली है। जहां बाबा के दर्शन करने के लिए कतार में खड़े श्रद्धालुओं पर मुस्लिम समुदाय के लोगों ने गुलाब की पंखुड़ियों की बारिश की। इस दौरान पुष्प वर्षा कर मुस्लिम समुदाय के लोगों ने यह संदेश दिया कि देश में हर धर्म के लिए हर त्यौहार समान महत्व रखता है। मुस्लिम समुदाय के लोगों ने गोदौलिया से लेकर काशी विश्वनाथ मंदिर तक कतारबद्ध होकर खड़े लोगों पर फूलों की बारिश करते हुए ओम नम: शिवाय नारे का जयघोष लगाया। बड़ी संख्या में पहुंचे मुस्लिम महिला और पुरुषों ने शिव भक्तों पर फूलों की बारिश करते हुए यह संदेश देने की कोशिश की कि देश में ईद, दिवाली, होली और महाशिवरात्रि जैसे महापर्व साथ मिलकर मनाए जाते हैं। फूल बरसाने वाले स्थानीय मोहम्मद आसिफ ने बताया कि हर कोई भारतीय होने के नाते हर धर्म हर जाति की इज्जत करता है, उसे सम्मान देता है। यही वजह है कि आज महाशिवरात्रि के मौके पर काशी से अनोखी तस्वीर सामने आई है। तस्वीरें लोगों को यह बताने के लिए काफी हैं कि भारत में सब धर्म एकजुट है और हर त्यौहार सभी साथ में मनाते हैं।