रास में विपक्षी सांसदों के विरोध पर सभापति नायडू की तल्ख टिप्पणी


यह संसद है बाजार नहीं
नई दिल्ली। दिल्ली हिंसा को लेकर लोकसभा और राज्यसभा में विपक्ष का हंगामा चौथे दिन भी जारी है। विपक्ष गृहमंत्री अमित शाह से इस्तीफे की मांग कर रहा है। लोकसभा में दिल्ली हिंसा पर जल्द ही चर्चा कराने की मांग को लेकर कांग्रेस, द्रमुक, तृणमूल कांग्रेस सहित कई विपक्षी दलों के सदस्यों ने गुरुवार को लगातार चौथे दिन भारी शोर-शराबा किया जिसके कारण प्रश्नकाल नहीं चल सका। वहीं राज्यसभा में विपक्षी सांसदों के विरोध पर सभापति एम वेंकैया नायडू ने कहा कि कोई नारा नहीं लगाया जा सकता क्योंकि यह संसद है बाजार नहीं।


राज्यसभा में विपक्षी दलों के सदस्यों ने दिल्ली हिंसा मामले को लेकर आज जोरदार हंगामा किया जिसके कारण सदन की कार्यवाही शुक्रवार तक के लिए स्थगित कर दी गई। सभापति एम वेंकैया नायडू ने स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन के कोरोना वायरस के मुद्दे पर दिये गये बयान के बाद शून्यकाल की घोषणा की वैसे ही कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, वामपंथी दलों, तृणमूल कांग्रेस, समाजवादी पार्टी तथा कुछ अन्य दलों के सदस्यों ने इसका विरोध करने लगे। इन सदस्यों ने दिल्ली हिंसा मामले को लेकर पहले अपनी सीट से और फिर सदन के बीच में आकर भारी शोरगुल और नारेबाजी की। हंगामे के दौरान ही सभापति ने कुछ सदस्यों को शून्यकाल के नोटिस को लेकर उनके नाम पुकारे जिनमें से कुछ ने अपने मुद्दे उठाये जिसे शोरगुल के कारण नहीं सुना जा सका। सदस्यों के नारेबाजी के दौरान ही सभापति ने कहा कि जिन सदस्यों ने शून्यकाल का नोटिस दिया है और वह सदन में उपस्थित हैं लेकिन नहीं बोलना चाहते हैं यह अनुचित है तथा ऐसे सदस्यों को भविष्य में मौका नहीं दिया जायेगा। बाद में नायडू ने प्रश्नकाल की घोषणा की लेकिन इसके बाद भी सदस्यों की नारेबाजी जारी रहने पर उन्होंने सदन की कार्यवाही शुक्रवार तक स्थगित करने की घोषणा की।