मानसिक रोगों का निदान है योग


योगेन योगमुच्यते- योग:-चित्त वृत्ति निरोधा: -योग: क्षेमं वहाम्यहम- योग को अपनाओगे सत्यजीवन पाओगे – योग साधना से चित्त शांति और आर्थिक अभिवृद्धि होगा। शारीरिक और मानसिक परिपूर्ण स्वास्थ्य के लिए कुछ योग आरोग्य सूत्रों का पालन करना चाहिए। हमें प्रतिदिन सात्विक आहार सही समय पर विश्राम, प्रतिदिन योग साधना , सही प्राणायाम साधना, और यम,नियम का पालन करना चाहिए। वेद काल मे योग साधना नित्यजीवनमे एक आंतरिक अंश था। आज का आधुनिक काल में योग को केवल शारीरिक व्यायाम के रूप उपयोग किया जा रहा है। आज के तकनीकी युग मे आधुनिक मानव उपलब्ध तकनीकियों का आदि होकर शारीरिक श्रम कम और मानसिक श्रम अधिक कर रहा हैं। जिसके कारण शारीरिक मानसिक रोग बढ़ गए है। इन अधिक मानसिक श्रम से उत्पन्न रोगों को दूर करने का वर्तमान स्थिति में योग साधन ही एक अच्छा मार्ग है। योग के साधन से जहाँ शारीरिक स्वास्थ्य बढ़ता है वही मानसिक संतुलन अच्छा बना रहता है । स्वस्थ शरीर और स्वस्थ मन बनाये रखना एक वरदान है। इस वरदान को हर मानव योग साधना के माध्यम से प्राप्त कर सकता है। यम,नियम,आसान,प्राणायाम, प्रत्याहार, धारणा, ध्यान,समाधि-अष्टांग योग इन नियमों का पालन कर मनुष्य स्वस्थ व निरोगी बन सकता है। अनुभवी योग गुरु के देख रेख में इस साधना करना आवश्यक है। आज के समय में छोटे, बड़े, बूढ़े सभी किसी न किसी रोग से ग्रस्त है। जैसे की अस्थमा, रक्तचाप, कब्ज, मोटापा, अजीर्ण, ह्रदय रोग आदि।


सर्वे रोगानं मल वसहा- सकल रोग गए कारण कब्ज। कब्ज को दूर करने के लिए प्रतिदिन उदय काल में दो ग्लास गुनगुना पानी पीना चाहिए। विधि प्रकार उड्डियान बंध और नौली भी कर सकता है। कब्ज रोग से अपान वायु, अपान वायु से ह्रदय रोग भी और मानसिक रोग भी आ सकते है। कब्ज रोग को दूर करने के लिए पवनमुक्त आसन, जठरा परिवृत्त आसन, ताड़ासन, कटी चक्रासन, तिर्यक भुजंगासन करना चाहिए। मोटापा कम करने के लिए सूर्य नमस्कार, चंद्रासन, त्रिकोणासन, उष्ट्रासन, नवासन, धनुरासन, चक्रासन, सर्वांगासन करना चाहिए। मधुमेह (डॉयबिटिज) रोग नहीं बल्कि एक अपक्रिया है। शरीर के अंतर्गत ग्रंथि सही काम न करने का परिणाम है। शरीर अंतगार्था सभी विभाग अपना काम करने के लिए योग आसान प्राणायाम एक अच्छा साधना है। अर्ध मत्स्येन्द्रासन, धनुरासन, पश्चिमोत्तानासन और भस्त्रिका प्राणायाम, अनुलोम-विलोम प्राणायाम करना मधुमेह नियंत्रण करने के लिए अच्छे है। यादगार (स्मृति ) बढ़ाने के लिए शशांकासन, सर्वांगासन, शीर्षासन, पर्वतासन, मूर्धासन, सूर्य नमस्कार आदि प्रमुख आसन है । उचित विश्राम के लिए योगनिद्रा और शवासन बहुत काम आयेगा। संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए सूर्य नमस्कार एक अच्छा साधन है। मानसिक रोग दूर कर ने के लिए ॐ कार ध्यानमंत्र, मंत्र ध्यानम, स्वसानुसन्धानम, सतसंगत्वं, सद्ग्रन्थ परायण करना चाहिये । सर्वे जना: सुखिनो भवन्तु। ॐ शान्ति: शान्ति: शान्ति:
योगाचार्य डॉ. आकोण्डी
श्री रमा चंद्र मूर्ति।