शरीर की कार्यप्रणाली को सुचारू रूप से काम करने के लिए ब्लड शुगर लेवल का सही होना बेहद जरूरी है। लेकिन जब शरीर की उर्जा का मुख्य स्त्रोत रक्त शर्करा का स्तर बेहद कम हो जाता है तो इसे हाइपोग्लाइसीमिया कहा जाता है। हाइपोग्लाइसीमिया अक्सर डायबिटीज से जुड़ा होता है, लेकिन कई बार जो लोग डायबिटीज से पीड़ित नहीं होते, उन्हें भी यह समस्या होती है। लो ब्लड शुगर लेवल होने पर शरीर खुद संकेत देता है। तो चलिए जानते हैं इन संकेतों के बारे में-
मुख्य लक्षण- लो ब्लड शुगर लेवल होने पर शरीर में कई लक्षण नजर आते हैं। इनमें से कुछ प्रमुख हैं- धुंधली दृष्टि, तेज धड़कन, अचानक मूड में बदलाव, अचानक घबराहट, बिना वजह थकान, पीली त्वचा, सिरदर्द, भूख लगना, कंपन, चक्कर आना, कमजोरी, बोलने में कठिनाई, पसीना आना, सोने में कठिनाई, त्वचा में झुनझुनी, सोचने या ध्यान केन्द्रित करने में परेशानी व बेहोशी आदि।
गंभीर संकेत- यूं तो ब्लड शुगर कम होने पर शरीर संकेत देता है, लेकिन कुछ संकेत ऐसे भी होते हैं, जो काफी गंभीर होते हैं और अगर आपको यह संकेत नजर आएं तो आपको तुरंत सचेत हो जाना चाहिए। इन संकेतों में प्रमुख है- कन्फयूजन, असामान्य व्यवहार, नियमित कार्यों को पूरा करने में असमर्थता, धुंधली दृष्टि, बेहोशी आदि। गंभीर रूप से हाइपोग्लाइसीमिया से पीड़ित लोग ऐसे दिख सकते हैं, जैसे वे नशे में हों। हो सकता है कि वे अपने शब्दों को गलत तरीके से कहें।
हो सकती है परेशानी- रक्त में शर्करा के स्तर को गिरने की समस्या को कभी भी अनदेखा नहीं करना चाहिए। जो लोग इसे अनदेखा करते हैं और तुरंत उपचार नहीं करते, तो व्यक्ति बेहोश भी हो सकता है या दौरे का अनुभव कर सकता है। इतना ही नहीं, इस समस्या के चलते व्यक्ति कोमा में भी जा सकता है।
जानिए कारण- वैसे तो निम्न रक्त शर्करा की समस्या कई कारणों से हो सकती है। लेकिन इसका सबसे प्रमुख कारण मधुमेह के उपचार का एक दुष्प्रभाव है। मधुमेह आपके शरीर की इंसुलिन का उपयोग करने की क्षमता को प्रभावित करता है।
बरतें सावधानी- अगर आपको लो ब्लड शुगर की समस्या रहती है तो यह बेहद जरूरी है कि आप अतिरिक्त सावधानी बरतें। ऐसे लोगों को अपने डॉक्टर से ग्लूकागन के लिए प्रिस्क्रिप्शन लेने के बारे में बात करनी चाहिए। साथ ही लो ब्लड शुगर के कारण अचेतन व्यक्ति को मुंह से कभी भी कुछ नहीं देना चाहिए, इससे उनका दम घुट सकता है।