नई दिल्ली। रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर एनएस विश्वनाथन ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उनका कार्यकाल पूरा होने में अभी छह महीनों का समय बाकी था लेकिन इससे पहले ही उन्होंने अपना पद छोड़ दिया है। विरल आचार्य के इस्तीफा देनें के बाद एनएस विश्वनाथन को दोबारा आरबीआई के डिप्टी गवर्नर नियुक्त किया गया था। यह करीब 1 साल के भीतर तीसरी बार है जब आरबीआई के किसी उच्च अधिकारी ने कार्यकाल पूरा होने से पहले ही अपने पद को छोड़ दिया है। खबरों की मानें तो विश्वनाथन ने स्वास्थ्य कारणों के चलते तीन महीने पहले ही अपना पद छोड़ दियसा है। हाल ही में उन्हें तनाव से जुड़ी समस्या हो गई थी, जिसके बाद डॉक्टरों ने उन्हें आराम करने की सलाह दी है। मार्च को विश्वनाथन केंद्रीय बैंक छोड़ देंगे। अब आरबीआई के तीन डिप्टी गवर्नर रह गए हैं -माइकल पात्रा, बीपी कनुनगो और एमके जैन और। पात्रा को हाल ही में भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) का नया डिप्टी गवर्नर नियुक्त किया गया था। बता दें कि रिजर्व बैंक में चार डिप्टी गवर्नर होते हैं। सरकार इनकी नियुक्ति गवर्नर की राय को अहमियत देते हुए करती है। परंपरा है कि चार डिप्टी गवर्नर में से दो केंद्रीय बैंक के ही अधिकारी होते हैं। एक डिप्टी गवर्नर कमर्शियल बैंकिंग क्षेत्र से होता है। चौथा डिप्टी गवर्नर कोई जाना माना अर्थशास्त्री होता है। मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में भारतीय इकोनॉमी के लिहाज से उर्जित पटेल का सबसे बड़ा इस्तीफा था। इससे पहले अरविंद सुब्रमण्यम ने जुलाई 2018 में व्यक्तिगत कारणों से मुख्य आर्थिक सलाहकार पद से इस्तीफा दे दिया था। वहीं अगस्?त 2017 में नीति आयोग के उपाध्यक्ष रहे अरविंद पनगढ़िया ने पद छोड़ दिया था।