मऊ (काशीवार्ता)। प्रधानमंत्री मोदी ने 21 साल तक अपने करीब रखने के बाद मुहम्मदाबाद गोहना विधानसभा के रानीपुर विकास खंड के कांझाखुर्द निवासी अरविद शर्मा को योगी मंत्रिमंडल में शामिल कर उन्हें तोहफा प्रदान किया है। हालांकि इसे पूरा करने में 14 माह का समय जरूर लगा, लेकिन पूर्व केंद्रीय मंत्री स्व. कल्पनाथ राय के बाद किसी नेता को पहली बार जनपदवासी सिर आंखों पर बिठाएं हैं। यहां के लोगों को शर्मा से काफी उम्मीदें हैं। कांझाखुर्द गांव के प्राथमिक विद्यालय से अपनी शिक्षा-दीक्षा की शुरूआत की थी। इसके बाद डीएवी इंटर कालेज से उन्होंने इंटरमीडिएट तक की शिक्षा प्राप्त की। इसके बाद स्नातक व स्नातकोत्तर की शिक्षा इलाहाबाद विश्वविद्यालय से पूरी की। 1988 में वह गुजरात कैडर के आईएएस पास किए। 1995 मेहसाणा के जिला मजिस्ट्रेट बनाए गए। 2001 में मुख्यमंत्री कार्यालय गुजरात के सचिव बन गए। 2001 में नरेन्द्र मोदी के गुजरात का मुख्यमंत्री बन सत्ता में आने के बाद श्री शर्मा एक सचिव के रूप में मुख्यमंत्री कार्यालय में शामिल हुए और केंद्र में स्थानांतरित होने से पहले 2014 तक वहीं रहे। 2014 में वह पीएमओ कार्यालय में संयुक्त सचिव बना दिए गए। यहीं से वह पीएम मोदी के और करीब आ गए। 2017 में अतिरिक्त सचिव के पद पर पदोन्नत किया गया था। पीएमओ में अपने लंबे कार्यकाल के बाद, शर्मा को सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) मंत्रलय का प्रभार सौंपा गया था। पीएम मोदी की इच्छा पर 2021 में 11 जनवरी को श्री शर्मा ने अपने पद से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ली थी। इसके बाद देश की राजनीति में चर्चा का च्बदु बन गए थे। इसी के बाद से उन्हें राजनीति में आने की अटकलें लगनी शुरू हो गई थीं। 13 जनवरी को भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ग्रहण करने के साथ ही लोगों की अटकलों पर विराम लग गया। 20 जनवरी को भाजपा के एमएलसी बनाए गए। हालांकि इस दौरान ही उन्हें मंत्री बनाए जाने की चर्चा शुरू हो गई थी लेकिन उन्हें योगी मंत्रिमंडल में जगह नहीं
मिल पाई। इसके बाद प्रदेश नेतृत्व ने 19 जून को उन्हें भाजपा का प्रदेश उपाध्यक्ष बना दिया। तभी से यह कयास लगाया जा रहा था कि एके शर्मा को मंत्री बनाया जा सकता है।जनता विकास पुरुष कल्पनाथ राय के विकल्प के रूप में उनकी तरफ आशा भरी निगाहों से देख रही थी। इस बीच विधानसभा चुनाव आ गया। इसमें दमदारी के साथ उन्होंने पार्टी प्रत्याशियों के पक्ष में प्रचार किया।
भाजपा को बहुमत मिलने के बाद ही उनके मंत्रिमंडल में जाने की अटकलें शुरू हो गई थीं। पिछले कई दिनों से जनपद भर में शर्मा को उपमुख्यमंत्री या कैबिनेट मंत्रिमंडल में जगह मिलने की चचार्एं चल रही थीं।