लखनऊ, उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री व समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने कहा, ‘भाजपा के 4 साल किसानों के लिए विनाशकारी साबित हुए हैं। तीन काले कृषि कानून लाकर किसानों को बड़े पूंजीघरानों को आश्रित बना दिया है। न किसान को फसल का दाम मिल रहा है और नहीं उससे किए गए वादे पूरे हो रहे हैं।’
अखिलेश यादव ने कहा कि पिछले दिनों हुई बरसात में हजारों टन गेहूं क्रय केंद्रों में खुले में पड़े रहने से बर्बाद हो गया। किसानों को बहाने बनाकर परेशान किया जा रहा है। फतेहपुर के असोधरा उपमंडी स्थल में संचालित हाट शाखा में 29 मई से तौल बंद है। हजारों कुंतल गेहूं तौल के इंतजार में पड़ा है। किसान टोकन लेकर भटक रहे है। मंडी में खुले में गेहूं पड़ा है, बारिश के अंदेशे के बावजूद बचाव का कोई प्रबंध नहीं।
पूर्व सीएम ने कहा, संभल में गेहूं क्रय केंद्रों पर 50 क्विंटल से ज्यादा किसानों से गेहूं खरीदा नहीं जा रहा है। आगरा में 4 अप्रैल तक गेहूं की खरीद नहीं हुई। 2 महीने पहले जिन किसानों ने आनलाइन पंजीकरण करा लिया था वे भी मारे-मारे घूम रहे है। ट्रैक्टर ट्राली में गेहूं लदा हुआ खड़ा है। यही हाल अमरोहा के बुरावलि केंद्र पर तौल केंद्र का है, वो भी बंद पड़ा है। किसान परेशान है, चित्रकूट में गेहूं केंद्रों की अव्यवस्था से किसान कराह रहा है। कन्नौज में भी क्रय केंद्रो में किसानों को दुर्व्यवहार का सामना करना पड़ रहा है। फर्रुखाबाद में बिचौलियों के खेल में किसान पिस रहा है। किसानों को क्रय केंद्रों पर तमाम परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। सरकार उनकी दिक्कतों पर कतई ध्यान नहीं दे रही है।
अखिलेश यादव ने कहा, प्रदेश में भाजपा सरकार को किसानों की जरा भी फिक्र नहीं है। उनकी धान की फसल भी वैसे ही बर्बाद हुई जैसी आज गेहूं की फसल के साथ हो रहा है। किसान को न्यूनतम समर्थन मूल्य नहीं मिला है। उसकी लागत की डयोढ़ा कीमत देने का वादा किया था। एमएसपी पर खरीद का भरोसा दिया जा रहा था लेकिन भाजपा सरकार ने किसानों के साथ कोई वादा नहीं निभाया। उल्टे उसे खेत के मालिक की जगह मजदूर बनाने का कुचक्र रच दिया। सरकार की किसान विरोधी नीति भाजपा को भारी पड़ेगी। किसान 2022 के चुनाव के इंतजार में है। समाजवादी सरकार बनने पर किसानों के साथ न्याय हो सकेगा।