वाराणसी(काशीवार्ता)। ईसाई समाज की वाराणसी डायोसिस धर्मप्रांत के बिशप (धर्माचार्य) फादर यूजीन जोसेफ ने इस बात का जोरदार खंडन किया कि केंद्र की मोदी व राज्य की योगी सरकार की हिंदुत्व वाली सोच के कारण किसी धर्म के लोग असहज महसूस कर रहे हैं। वहीं इसाई समुदाय पर कोई दबाव की चेष्ठा नहीं कर रहा।
बिशप हाउस में आयोजित पत्रकार वार्ता में बिशप ने कहा कि डिजिटल क्रांति बहुत लाभदायक है, परंतु इसके कुछ दुष्प्रभाव भी हैं। व्यक्ति और परिवार थोड़ा अलग-अलग से दिखते हैं, इसे रोकना होगा। देश व समाज में अध्यात्मिकता की धारणा और मजबूत होनी चाहिए। इससे आर्थिक समृद्धि आएगी और देश व समाज मजबूत होगा।
उन्होंने सेंट मेरिज विद्यालय की फीस व मान्यता आदि प्रकरण पर बेसिक शिक्षा विभाग की जांच पड़ताल के सवाल पर कहा कि हमारे कैथोलिक समाज की शिक्षण व अन्य संस्था किसी प्रकार के सरकारी नियमों का उल्लंघन नहीं करती। यह सब अफवाह है। हमारी संस्थाएं 90 वर्ष से इसी प्रकार चल रही हैं। इस अवसर पर शिक्षण समिति के सचिव फादर थॉमस, सेंट जॉन्स बरेका के प्राचार्य फादर बैंगस फादर एस. जोसेफ सहित अन्य उपस्थित थे।
यीसु के जन्म उत्सव का धार्मिक अनुष्ठान पूर्ववत होगा
विशप ने बताया कि पूर्व परंपरा के अनुसार 24 दिसंबर को रात्रि 10:30 बजे से महागिरजा सेंट मेरिज कैथेड्रल में प्रभु ईसा मसीह के अर्धरात्रि में जन्म का विधि-विधान पूजन-अर्चन, भजन, गायन आदि का कार्यक्रम होगा। इसके पश्चात 25, 26, 27 दिसंबर को प्रभु ईसा के जनमानस द्वारा दर्शन सुलभ होगा। इस अवसर पर प्रभु यीशु के जन्म से संबंधित झांकियों की प्रदर्शनी लगेगी और 25 से 27 तक अपराहन 2 से सायं तक विभिन्न प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रम संपन्न होंगे।