पुरूषों से अधिक महिलाओं को प्रभावित करता है अल्जाइमर


अल्जाइमर एक ऐसी स्वास्थ्य समस्या है, जिसमें व्यक्ति हर चीज को बार−बार भूलने लगता है। यह मानसिक स्वास्थ्य समस्या में ना सिर्फ व्यक्ति की याददाश्त कमजोर होती है, बल्कि उसे रोजमर्रा के काम करने में भी काफी परेशानी होती है। कुछ समय पहले तक यह माना जाता था कि यह स्वास्थ्य समस्या सिर्फ अधिक उम्र में व्यक्तियों को होती है, लेकिन अब यह कम उम्र के व्यक्ति भी इस स्वास्थ्य समस्या देखी जा रही है। इतना ही नहीं, पुरूषों से अधिक महिलाओं में यह मानसिक समस्या अल्जाइमर होती है और यह बात कई शोधों में भी साबित हो चुकी है। हालांकि महिलाएं कुछ उपाय के जरिए इसे नियंत्रित कर सकती हैं। तो चलिए जानते हैं इसके बारे में−

कई शोधों में इस बात का खुलासा हुआ है कि महिलाओं में अल्जाइमर का खतरा ज्यादा होता है। अंतर्राष्ट्रीय पत्रिका गैरियाटिक साइक्रेट्री में प्रकाशित शोध के अनुसार, स्ट्रेस अल्जाइमर का मुख्य कारण है और स्ट्रेस हार्मोन मस्तिष्क में लैगिंक आधार पर अलग−अलग तरह से काम करते हैं। जिसके कारण महिलाओं में पुरुषों की तुलना में अल्जाइमर रोग अधिक होने की संभावना रहती है।

वहीं डॉक्टर्स का भी कहना है कि महिलाओं को अल्जाइमर होने का खतरा अधिक रहता है। अल्जाइमर्स एसोसिएशन की मानें तो 60 साल से अधिक उम्र की हर छह में से एक महिला अल्जाइमर रोग से पीडि़त होती है, जबकि यह पुरूषों में हर 11 में से एक इस समस्या से पीडि़त होता है।

चूंकि इस बीमारी का अभी तक कोई स्थायी इलाज नहीं है। इसलिए इससे बचाव ही एकमात्र उपाय है। हालांकि डॉक्टर्स कुछ दवाइयों के जरिए इस बीमारी के असर को धीमा करते हैं। अगर आप अपनी तरफ से इस बीमारी का इलाज करना चाहती हैं तो सबसे पहले अपने मन के भीतर के तनाव को नियंत्रित करने की कोशिश करें। आप इसके लिए कुछ एक्टिविटी कर सकती हैं और अपने मन को शांत कर सकती हैं। इसके अलावा अपनी सीखने की क्षमता को भी मजबूत करने की कोशिश करनी चाहिए।