वाराणसी (काशीवार्ता)। पुराधिपति श्रीकाशी विश्वनाथ को अन्न का दान देने वाली माता अन्नपूर्णा का 17 दिवसीय महाव्रत आज से प्रारम्भ हो गया। मंदिर प्रांगण में महंत रामेश्वरपुरी व्रत रखने वालों को पवित्र 17 गांठों वाला धागा प्रदान किया। मंदिर में यह पवित्र धागा लेने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी है। इस महाव्रत का पारण 20 दिसंबर को शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को होगा। उस दिन माता अन्नपूर्णा का धान की बालियों से श्रृंगार किया जाएगा।
व्रतियों में धागा बांट रहे महंत रामेश्वरपुरी ने बताया कि इस व्रत में 17 धागे, 17 दिन और 17 गाठों का विशेष महत्व है। माता अन्नपूर्णा का यह व्रत करने से सभी दु:ख और दरिद्रता दूर होती है और धन्य-धान्य की कभी कमी नहीं होती है। 17 दिनों तक चलने वाले इस महाव्रत को माता अन्नपूर्णा के विशेष अनुष्ठान के रूप में मनाया जाता है। महंत ने बताया कि सभी को आज यह 17 गांठों वाला धागा दिया जा रहा है। इसे पुरुष दाएं हाथ में और महिलाएं बाएं हाथ में बांधेंगी।