कोरोना काल में अच्छे पड़ोसी का धर्म निभाते हुए भारत और बांग्लादेश (India Bangladesh Relations) ने एक दूसरे से एक-एक वादा किया है. भारत ने देसी कोरोना वैक्सीन में बांग्लादेश को प्राथमिकता देने की बात कही, वहीं बांग्लादेश प्रधानमंत्री शेख हसीना (Sheikh Hasina) ने जोर देकर कहा कि वह बांग्लादेश की धरती में भारत के खिलाफ साजिश रचनेवालों को पनपने नहीं देंगी.
भारत के विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला (Harsh V Shringla) इन दिनों बांग्लादेश के दौरे पर थे वहां बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना (Harsh V Shringla Sheikh Hasina meet) से उनकी मुलाकात हुई. मीटिंग में विभिन्न द्विपक्षीय मुद्दों पर चर्चा हुई. साथ ही साथ कोरोना वायरस पर दोनों ने अपनी-अपनी तैयारियों के बारे में भी बात की.
हसीना ने बदले में यह भरोसा दिया कि बांग्लादेश की धरती पर वह भारत विरोधी काम नहीं होने देंगी. मतलब वहां ऐसे आतंकवादी संगठनों को पनपने नहीं देंगी जिनका निशाना भारत पर हो.
देसी कोरोना वैक्सीन बनने पर बांग्लादेश को प्राथमिकता
मीटिंग में हर्षवर्धन श्रृंगला ने हसीना को बताया कि भारत में कोरोना वैक्सीन पर काम चल रहा है. इसपर हसीना ने जानना चाहा कि क्या भारत वैक्सीन बनने के बाद बांग्लादेश के हितों का ध्यान रखेगा. इसपर हर्षवर्धन श्रृंगला ने उन्हें भरोसा दिया कि इसका ध्यान जरूर रखा जाएगा क्योंकि दुनिया की 60 प्रतिशत दवाएं तो भारत में ही बनती हैं.
दोनों नेताओं ने विभिन्न द्विपक्षीय मुद्दों पर चर्चा की, जिसमें दोनों देशों के बीच के संबंधों के अगले दो साल का रोड मैप शामिल था. सूत्रों से जानकारी मिली है कि बैठक के दौरान हसीना को बताया गया कि उनके भारतीय समकक्ष नरेंद्र मोदी यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि दोनों देश कोविड-19 स्थिति के दौरान भी सीधे संवाद में रहें. दोनों देश कोविड-19 से निपटने में चिकित्सकीय व टीके में संभावित सहयोग पर एकजुट हैं.
रोहिंग्या शरणार्थियों पर भी हुई बात
सूत्र ने कहा कि भारतीय विदेश सचिव और बांग्लादेश की नेता ने ‘आपसी हित के सुरक्षा मुद्दों’ पर चर्चा की. हसीना ने रोहिंग्या शरणार्थियों के बारे में बात की और शरणार्थियों को जल्दी और सुरक्षित म्यांमार भेजने की अपनी इच्छा दोहराई. कोरोना महामारी के बीच श्रृंगला की पहली विदेश यात्रा है. हसीना की भी बीते चार महीने में किसी विदेशी राजनयिक से यह पहली मुलाकात है.
बैठक के बाद बांग्लादेश के विदेश सचिव मसूद बिन मोमेन ने कहा कि जिन आपसी मुद्दों पर चर्चा हुई उनमें अगले साल बांग्लादेश-भारत संबंधों के 50 वर्ष पूरे होने पर होने वाले समारोहों के लिए योजना बनाना भी था. भारत 2021 की शुरुआत से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का एक गैर-स्थायी सदस्य होने जा रहा है. इसके लिए बांग्लादेश ने भारत का समर्थन किया था. बांग्लादेश ने भारत से रोहिंग्या शरणार्थियों की बांग्लादेश से म्यांमार वापसी में मदद देने का अनुरोध किया है.
मोमेन ने यह भी कहा कि सीमा पर हत्याएं एक और मुद्दा था जिसने बैठक के दौरान ध्यान आकर्षित किया. अगले महीने, बीजीबी और बीएसएफ अधिकारी सीमा मुद्दों और अप्रत्याशित सीमा हत्याओं पर चर्चा करेंगे.
श्रृंगला की यात्रा उन रिपोटरें की पृष्ठभूमि में हुई है जिनमें कहा गया है कि चीन शुष्क मौसम के दौरान तीस्ता नदी में जल स्तर बनाए रखने की एक परियोजना के लिए बांग्लादेश को लगभग एक अरब डालर का ऋण देने वाला है.