किसानों के खाते में सीधे पहुंची 52.50 करोड़ की सम्मान राशि


वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल के 8 साल पूरा होने पर आज गरीब किसान कल्याण सम्मेलन आयोजित किया गया। चौकाघाट स्थित पद्मविभूषण गिरिजा देवी सांस्कृतिक संकुल में वाराणसी के एक हजार किसान प्रधानमंत्री के कार्यक्रम में आॅनलाइन जुड़े।पीएम मोदी ने जन कल्याणकारी योजनाओं का लाभ देने के साथ ही उनसे वर्चुअली संवाद भी किया। सबसे पहले पीएम मोदी ने लद्दाख केकिसान काशी से बातचीत की। इसके बाद बिहार की ललिता देवी से उन्होंने योजनाओं के बारे में फीडबैक लिया।
2 लाख 62 हजार 485 लाभार्थी वाराणसी में
आज कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शिमला से किसान सम्मान फंड की 11वीं किस्त रिलीज की। इसमें देश भर से 10 करोड़ से अधिक किसानों को 21 हजार करोड़ रुपए की सम्मान राशि दी गई। उप कृषि निदेशक अखिलेश कुमार सिंह के मुताबिक वाराणसी के 2 लाख 62 हजार 485 किसानों के खाते में 11वीं किस्त भेजी गई। एक किसान को दो हजार रुपए दिए गए। यानी कि वाराणसी में किसानों के हिस्से में कुल 52 करोड़, 49 लाख, 70 हजार रुपए आए। किसानों की सम्मान निधि आज ही खाते में पहुंच जाएगी। इस दौरान वाराणसी से सम्मान निधि के 6 लाभार्थियों को पीएम से संवाद के लिए तैयार किया गया था। मगर उनसे पीएम का संवाद नहीं हो पाया। लखनऊ से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी इस कार्यक्रम में वर्चुअली जुड़ें हैं।
पीएम ने लिया इन योजनाओं का फीडबैक
पीएम मोदी ने सभी मंत्रालयों द्वारा चलाए जा रहे स्कीम के लाभार्थियों से भी बातचीत किया। इस कार्यक्रम के जरिए केंद्र सरकार की योजनाओं के बारे में पब्लिक फीडबैक लिया गया। साथ ही जितनी भी योजनाएं चल रहीं हैं, उन सबकी यूटिलिटी और अहमियत जनता को समझाया गया। इस कार्यक्रम में केंद्र सरकार के पीएम आवास, पीएम स्वनिधि, किसान सम्मान, जल जीवन मिशन, आयुष्मान भारत, मुद्रा योजना, राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका योजना समेत अन्य योजनाओं के लाभार्थी इससे जुड़े थे।
लाभार्थियों की खतौनी का हो रहा सत्यापन
उप कृषि निदेशक ने बताया कि पीएम किसान सम्मान निधि के लाभार्थियों यानी कि किसानों के खतौनी का सत्यापन चल रहा है। यह काम सोमवार से शुरू हुआ है जो एक जून तक होगा। जिले में सोशल आॅडिट कार्यक्रम भी चल रहा है। इसके तहत किसानों के सत्यापन के लिए खतौनी की जरूरत है। सभी किसान अपनी खतौनी पर अपना, पिता, गांव के नाम और मोबाइल संख्या दर्ज कर क्षेत्रीय लेखपाल को एक जून तक जमा कर दें।