वाराणसी (काशीवार्ता)। मूल्य समर्थन योजना के तहत किसानों से सरकारी दर पर गेहूं की खरीद के लिए चिरईगांव विकास खंड में खुले क्रय केन्द्रों पर गेहूं का टोटा है, जबकि क्रय केंद्र खुले 15 दिन हो गये। इसकी वजह बताई जा रही है कि इस बार प्राकृतिक आपदा से किसानों की फसल की क्षति हुई है। किसानों को सरकारी क्रय केंद्रों से ज्यादा दाम बाजार से मिल रहा है। ऐसे में किसान सरकारी क्रय केंद्रों पर गेहूं बेचने से कतरा रहे हैं। गौरतलब है कि एक पखवारे पूर्व गेहूं की खरीद के लिए विकास खंड में सरकारी क्रय केंद्र खुले हुए है। पिछले दिनों बेमौसम बारिश, आंधी और ओले पड़ने से किसानों की फसलें नष्ट हो गईं। एक तरफ औसत उत्पादन में कमी और सरकारी क्रय केंद्र पर बेचने में किसानों को घाटा नजर आ रहा है। दूसरी ओर व्यवसायी किसानों के घर-घर जाकर सरकारी दाम से अधिक रुपए देकर गेहूं खरीद रहे हैं। किसानों को क्रय केंद्र पर गेहूं बेचने के लिए ट्रैक्टर, मैजिक से गेहूं ले जाना होता है। इसका किराया किसानों को ही अदा करना पड़ता है। किसान कम दाम पर क्रय केंद्रों पर गेहूं बेचे और ढुलाई भाड़ा भी दे यह उसे मंजूर नही है, जबकि व्यापारी दरवाजे पर आकर गेहूं खरीद रहे हैं। किसानों को अच्छा दाम मिल रहा है और ढुलाई का भाड़ा भी बच जा रहा है। ऐसी स्थिति के कारण सरकारी क्रय केंद्रों पर गेहूं का टोटा हो गया है। कर्मचारी केंद्रों पर बैठकर किसानों की बाट जोह रहे हैं।
खाद विक्रता को सजा
वाराणसी। विशेष न्यायाधीश ( भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम) रजत वर्मा की अदालत ने खाद विक्रेता महेन्द्र सिंह कुशवाहा को कालाबाजारी के मामले मे दोषी पाए जाने पर 5 साल की सजा एवं 21 हजार रुपए अर्थ दण्ड की सजा सुनाई है। वाद की पैरवी आलोक कुमार शुक्ला जिला शासकीय अधिवक्ता ने जोरदार ढंग से की।