आजमगढ़(काशीवार्ता)। कहने को तो आजमगढ़ मंडल मुख्यालय है यहां चिकित्सा व्यवस्था राम भरोसे चल रही है। सीएम व डीएम के आदेश का भी डॉक्टरों पर कोई असर नहीं पड़ रहा है। 10:15 बजे तक ओपीडी में कोई भी डॉक्टर नजर नहीं आ रहे थे। इलाज के लिए दूर दराज से आने वाले मरीजों के साथ ही तीमारदारों को भी काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
55 लाख की आबादी वाले जिले में स्वास्थ्य व्यवस्था का हाल काफी दयनीय है। प्रदेश के 4 जनपदों में अनजान बुखार से एक सौ से अधिक बच्चों की मौत के बाद प्रदेश के मुख्यमंत्री ने सभी जिलों में स्वास्थ्य व्यवस्था को बेहतर बनाने का निर्देश दिया है। सीएम के निर्देश के बाद शुक्रवार को डीएम राजेश कुमार ने भी अधिकारियों की बैठक कर स्वास्थ्य व्यवस्था को दुरुस्त करने का आदेश दिए थे। मंडलीय अस्पताल से लेकर जिले के सभी सरकारी अस्पतालों में कार्यरत डॉक्टर से लेकर स्वास्थ्य कर्मियों पर सीएम व डीएम के आदेश का कोई भी असर नहीं दिख रहा है। लोगों की मिल रही शिकायतों पर जब पड़ताल की गई तो शनिवार की सुबह 10:15 बजे तक मंडलीय अस्पताल में ओपीडी में कोई भी डॉक्टर बैठे नजर नहीं आए। ओपीडी के बाहर मरीजों व तीमारदारों की लाइन लगी हुई थी और वे डॉक्टर के आने की प्रतीक्षा कर रहे थे । 55 लाख की आबादी में मंडलीय अस्पताल के 7 फिजिशियन के भरोसे स्वास्थ व्यवस्था चल रही है। यहां जिस तरह से डॉक्टरों की लापरवाही सामने आ रही है, उससे समझा जा सकता है कि मरीजों को लेकर डॉक्टर कितने गंभीर है।
क्या कहते हैं चिकित्साधिकारी
इस बारे में मंडलीय चिकित्सा अधिकारी एके सिंह का कहना है कि हमारे यहां बुखार के मरीज नहीं आ रहे हैं। एक मरीज 3 दिन पहले डेंगू का आया था जिसे डिस्चार्ज कर दिया गया है। मरीजों की सेवा में हमारे डॉक्टर लगे हुए हैं। सुबह 10:10 मिनट तक डॉक्टरों के ना आने के सवाल पर उन्होंने बताया कि डॉक्टर राउंड पर हैं, इससे समझा जा सकता है कि अस्पताल के डॉक्टर मरीजों को लेकर कितना गंभीर हैं।
प्रतिदिन आने वाले मरीजों की संख्या
मंडलीय अस्पताल में प्रतिदिन बुखार, खांसी व जुकाम से आने वाले मरीजों की संख्या इस प्रकार है, अस्पताल में 30 अगस्त को 140 मरीज, 31 अगस्त को 270 मरीज, 1 सितंबर को 270 मरीज, 2 सितंबर को 260 मरीज, 3 सितंबर को 277 मरीज व 4 सितंबर को 10:30 बजे तक 90 मरीजों ने इन बीमारियों के लिए अपना रजिस्ट्रेशन कराया था।