वाराणसी। सावन 14 जुलाई से शुरू हो रहा है। कांवर यात्रा भी उसी दिन से शुरू होकर 26 जुलाई तक चलेगी। दो साल से कोरोना की वजह से कांवर यात्रा नहीं निकाली जा सकी। अब तीसरे साल देश, प्रदेश और पूर्वांचल की ओर से आने वाले कांवर यात्री बड़े धूम-धाम से काशी से होते बाबा बैद्यनाथ धाम तक पहुंचेंगे। काशी में सावन का महत्व देखते हुए 5 लाख से ज्यादा लोग यहां आते हैं। बाबा काशी विश्वनाथ को जल चढ़ाकर लाखों कांवरिए दर्शन भी करते हैं। मगर, इस बार कांवर लेकर आने वाले यात्रियों को रूकने, भोजन, दवा और थकान मिटाने की जगह काशी में नहीं मिलेगी। कारण, इस बार 20 साल से सिंधी धर्मशाला और चितरंजन पार्क में लगने वाले कांवर यात्रियों के शिविर पर इस बार संकट छा गया है। कांवर यात्रा के दौरान 500 से ज्यादा डाक बम काशी विश्वनाथ में जल चढ़ाने आते हैं। वे प्रयागराज से सीधे काशी में बाबा दरबार तक आते हैं। ऐसे में यदि काशी में शिविर नहीं होगी, तो उन्हें कहां पर ठहराया जाएगा, कार्यकर्ताओं को यह भी चिंता सता रही है। काशी में बीते दो दशक से कावंरियों के लिए दशाश्वमेध स्थित चितरंजन पार्क और लक्सा रोड स्थित सिंधी धर्मशाला में शिविर लगाए जा रहे थे। चितरंजन पार्क में सुंदरीकरण का काम चल रहा है। इसलिए यहां पर शिविर नहीं लगाई जा सकती। दूसरा सिंधी धर्मशाला में शिविर लगाने वाली श्रीबाबा काशी विश्वनाथ भक्त सेवा समिति को इस बार जगह नहीं दिया जा रहा है। समिति हर बार इस धर्मशाला को किराए पर लेती थी। मगर, संभवत: धर्मशाला के संचालक इस सावन ऊंची कीमतों पर धर्मशाला किसी दूसरी पार्टी को बुक कर सकते हैं।