आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव तीन साल बाद जमानत पर जेल से रिहा हो बाहर आ गए हैं. उन्हें दिल्ली के AIIMS से डिस्चार्ज कर दिया गया है और अब वे मीसा भारती के घर पर शिफ्ट हो गए हैं. बताया जा रहा है कि लालू की सेहत को देखते हुए उन्हें कुछ दिन के लिए डॉक्टरों की निगरानी में ही रखा जाएगा. शुक्रवार को डिस्चार्ज किए गए लालू को 17 अप्रैल को हाई कोर्ट की तरफ से जमानत दी गई थी. लेकिन कोरोना के बढ़ते सक्रंमण की वजह से वे 12 दिन की देरी से रिहा हो पाए हैं.
तीन साल बाद जेल से रिहा लालू
17 अप्रैल को जस्टिस अपरेश कुमार सिंह ने लालू की जमानत पर फैसला सुनाया था. उस आदेश के बाद से ही आरजेडी प्रमुख का जेल से बाहर आने का रास्ता साफ हो गया था और पार्टी कार्यकर्ताओं का जोश भी देखते हुए बन रहा था. पहले लालू के वकील की तरफ से कहा गया था कि उन्हें 19 अप्रैल को ही रिहा करवा लिया जाएगा, लेकिन 18 अप्रैल को हुई झारखंड स्टेट बार काउंसिल की मीटिंग में फैसला लिया गया कि कुछ दिनों के लिए कोर्ट में कोई भी अधिवक्ता नहीं आएगा, इसी वजह से लालू की रिहाई में देरी होती गई.
इन शर्तों पर मिली है जमानत
लेकिन बीते कुछ दिनों में लालू की जमानत की तमाम शर्ते पूरे कर ली गई थीं और बस एक आदेश का इंतजार था. अब वो आदेश जारी कर दिया गया है और लालू पूरे तीन साल बाद रिहा हो गए हैं. आरजेडी प्रमुख को जमानत जरूर दी गई है, लेकिन कोर्ट की तरफ से कुछ शर्ते भी रखी गई हैं. जानकारी मिली है कि बेल के दौरान लालू अपना मोबाइल नंबर चेंज नहीं करेंगे, वहीं उनका घर का पता भी नहीं बदलना चाहिए. इस सब के अलावा लालू का पासपोर्ट भी कोर्ट के पास रहेगा और वे बिना इजाजत कहीं बाहर ट्रैवल नहीं कर सकते.
बेटी मीसा भारती के घर शिफ्ट
मालूम हो कि चारा घोटाले से संबंधित दूसरे मामलों में लालू प्रसाद यादव को पहले ही जमानत मिल चुकी थी, ऐसे में दुमका कोषागार केस में बेल मिलने से उनका जेल से आना तय था. दुमका ट्रेजरी से 3.13 करोड़ रुपए की अवैध निकासी वाले मामले में लालू प्रसाद यादव को 7 साल की सजा मिली थी. लेकिन बिगड़ती सेहत की वजह से उनका लंबे समय से AIIMS में इलाज चल रहा था. अब उन्हें वहां से भी डिसचार्ज कर दिया गया है और वे अपनी बेटी मीसा के घर शिफ्ट हो गए हैं.