वाराणसी(काशीवार्ता)। श्री कृष्ण उत्सव सेवा समिति द्वारा आयोजित रामकटोरा स्थित चिन्तामणी बाग में ब्रह्मलीन शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती की शिष्या लक्ष्मीमणी शास्त्री ने कथा के प्रथम दिवस भागवत के महात्म्य पर प्रकाश डालते हुए कहा कि श्रीमद्भागवत पुराणों में महापुराण है। मानव जीवन को भक्ति, ज्ञान, वैराग्य और तपस्या का फल भागवत से सहज में प्राप्त हो जाता है। अगर कोई व्यक्ति तीन वर्षों में कोई भी दान, पुण्य का कार्य नहीं कर पाता हो तो अधिक मास में किया गया दान-पुण्य का लाभ कई गुना बढ़ जाता है। पुरूषोत्तम मास भगवान विष्णु का सबसे प्रिय मास है। यह मास धन-सुख और वैभवदायक है। कथा प्रारम्भ होने से पूर्व प्रात: 8 बजे काशीपुरा से भव्य कलश यात्रा निकाली गयी, जिसमें 108 महिलायें कलश धारण कर एवं 108 पुरुष हाथों में ध्वज लिये हुये थे तथा भगवान के अनेक अवतारों के स्वरूपों की झाँकी विराजमान थी। इस अवसर पर अध्यक्ष अशोक कसेरा ने सभी का माल्यार्पण एवं अंगवस्त्रम् के साथ सम्मान किया। कथा के अन्त में मुख्य यजमान श्री गणेश प्रसाद कसेरा एवं सुशीला देवी द्वारा महाआरती सम्पन्न हुई।
अधिक मास में कई गुना मिलता है दान-पुण्य का लाभ