वाहनों पर पुलिस, प्रेस लिखने वालों के खिलाफ चले अभियान


वाराणसी (काशीवार्ता)। एसएसपी के निर्देश पर आजकल बाइक, चारपहिया व अन्य वाहनों के नम्बर प्लेट पर नम्बर के अलावा कुछ और लिख भौकाल बनाने वालों के खिलाफ कार्रवाई शुरू हुई है। एसएसपी के निर्देश पर यातायात पुलिस ने कल बुलेट वालों के खिलाफ जमकर अभियान चलाया जो नियम विरुद्ध साइलेंसर लगाकर सड़कों पर तेज आवाज के साथ गुजरते थे। आज इसपर अंकुश भी दिख रहा था। इस कार्रवाई से आम जनमानस में भी अच्छा सन्देश जा रहा है। आज कुछ लोग अपने वाहनों से पुलिस, प्रेस स्वयं मिटाते भी देखे गए। काफी दिनों से देखा जा रहा था कि शहर में बाइक से आॅटो तक तमाम वाहनों पर पुलिस, प्रेस , समेत अनगिनत विभागों के नाम लिखकर लोग पुलिसिया कार्रवाई से बचने की जुगत करते रहे हैं। वर्तमान एसएसपी ने ऐसे वाहनों के खिलाफ भी कार्रवाई करने का मन बना लिया है। पुलिस लाइन में खड़ी पुलिस कर्मियों की दो बाइक को एसएसपी के आदेशानुसार ही सीज भी कर दिया गया। इन बाइकों पर नम्बर की जगह “पुलिस” लिखा हुआ था। आम लोगों का कहना है कि यह अभियान बंद नहीं होना चाहिये, बल्कि लगातार तब तक चलते रहना चाहिए जब तक लोग ऐसे भौकाल का प्रदर्शन करना व नम्बर की जगह ऐसे मैटर लिखना बन्द न कर दें। बता दें कि जिले में हजारों ऐसे वाहन सड़कों पर रोज फर्राटे भरते देखे जा रहे है जिस पर पुलिस, प्रेस, मीडिया, राजस्व विभाग, न्यायिक विभाग, डीएम आफिस, बीजेपी, सपा, बसपा,अपना दल, पार्षद, नगर निगम, विकास प्राधिकरण, विकास भवन समेत तमाम आफिस के नाम एवं जनप्रतिनिधियों के पदनाम लिख लोग चल रहे हैं। बीते एक दशक से भौकाल बनाने के लिए ही ऐसा होता रहा है। यदि ऐसे वाहनों की कड़ाई से जांच हो जाये तो कई अपराधी तत्व भी पकड़े जा सकते हैं। जो वाहन स्वामी नियमों की धज्जियां उड़ाते सड़क पर धड़ल्ले से चल रहे इन सबकी जांच होनी ही चाहिए। वाहनों पर अवैध रूप से नाम, पदनाम लिखकर चलने वालों के खिलाफ भारी जुर्माना, दण्डात्मक कार्रवाई के साथ ही मुकदमा भी दर्ज होना चाहिए। सड़कों पर अकारण तेज आवाज में हॉर्न बजाने वाले, हूटर बजाने, सड़क पर गाड़ी खड़ी कर अवरोध करने वाले वाहनों के खिलाफ भी तत्काल कार्यवाई शुरू होनी चाहिए। इसकी शुरूआत यदि जिला मुख्यालय स्थित सर्किट हाउस के सामने से हो तो ज्यादा बेहतर होगा। यहां हजारों की संख्या में प्रतिदिन वाहन बेतरतीब घंटों खड़ी रहते हैं। आतंकी घटनाओं की भेंट चढ़ चुके इस इलाके में खड़े वाहनों में कोई भी विस्फोटक सामग्री रखकर किसी अप्रिय घटना को भी अंजाम दे सकता है। ऐसे में सावधानी के साथ यहां से वाहनों की भीड़ हटा देना चाहिए। जिला प्रशासन ने पहले ऐसे वाहनों को बनारस क्लब के पीछे चौड़े स्थान पर जगह भी मुहैया कराया था, लेकिन अब इस स्थान पर कुछ ठेला व झुग्गी झोपड़ी वालों का कब्जा है।