केंद्र सरकार को सस्ती और राज्यों को महंगी क्यों मिल रही है कोरोना वैक्सीन? मोदी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया


ई दिल्ली,  केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने देश की कोरोना वैक्सीनेशन पॉलिसी को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक हलफानाम दायर किया है। रविवार (10 मई) की शाम को सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार ने लगभग 200 पजों का हलफानाम दायर किया है, जिसमें सरकार ने देश की कोरोना स्थिति से लेकर वैक्सीनेशन पॉलिसी पर अपना पक्ष रखा है। केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि बताया, केंद्र सरकार द्वारा अपनाई गई कोविड-19 वैक्सीन के लिए नई उदारीकृत मूल्य नीति (लिबरल प्राइसिंग पॉलिसी) वैक्सीन कवरेज को बढ़ाने के लिए, वैक्सीन निर्माता कंपनियों को प्रोडक्शन तेजी से बढ़ाने के लिए और नए वैक्सीन निर्माताओं को आकर्षित करने के लिए है। केंद्र सरकार ने कहा कि उनकी वैक्सीन पॉलिसी सभी को समान रूप से टीका वितरित करने की है।

केंद्र सरकार को सस्ती और राज्यों को महंगी क्यों मिल रही है कोरोना वैक्सीन? इस सवाल का जवाब देते हुए केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट को कहा कि 18 से 44 आयु वर्ग के लोगों को वैक्सीनेट करने की अनुमति राज्यों के अनुरोध पर ही दी गई है। केंद्र ने वैक्सीन निर्माता कंपनियों को एक समान रूप पर सभी राज्यों को वैक्सीन आपूर्ति के लिए राजी किया है। ऐसा नहीं है कि एक राज्य को अधिक और किसी अन्य राज्य को कम कीमत पर वैक्सीन मिल रही है।

केंद्र सरकार ने कहा, हमें वैक्सीन थोड़ी सी सस्ती इसलिए मिल रही है क्योंकि हमने वैक्सीन निर्माता कंपनियों को ज्यादा ऑर्डर दिए हैं और पेशगी रकम भी कंपनी को दी है।

केंद्र सरकार ने ये भी कहा है कि राज्यों को जो वैक्सीन कोटा अलॉट होगा, उसमें से 50 फीसदी वैक्सीन निजी कंपनी या निजी अस्पताल को देने होंगे। जो लोग वैक्सीन की कीमत चुका सकते हैं, वो प्राइवेट अस्पतालों में वैक्सीन लेंगे। इससे राज्य सरकार पर बोझ कम पड़ेगा।

केंद्र ने कहा है कि वैक्सीन निर्माता कंपनियों ने वैक्सीन बनाने में काफी पैसा निवेश किया है, जो एक तरह का रिस्क है, इसलिए इस बात का ध्यान कीमत तय करने में रखा गया है। केंद्र ने कहा है कि आम लोगों तो वैक्सीन फ्री में ही मिल रही है, क्योंकि लगभग सारे राज्यों ने वैक्सीन मुफ्त में देने का ऐलान किया है। केंद्र 45 साल से अधिक उम्र के लोगों के लिए राज्यों को वैक्सीन आपूर्ति करती रहेगी।