वाराणसी (काशीवार्ता)। आज गणेश चतुर्थी का पर्व है। हिंदू पंचांग के अनुसार, माघ महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को संकट चौथ या संकष्टी चतुर्थी कहा जाता है। आज के दिन महिलाएं संतान प्राप्ति, संतान की लंबी उम्र, सुख-समृद्धि और वैभव के लिए निर्जल व्रत रहती हैं। इस पुण्य अवसर पर आज काशी में सुबह से ही गणेश मंदिरों में दर्शन-पूजन के लिए श्रद्धालुओं का हुजूम उमड़ा हुआ है। काशी में गणेश चतुर्थी का पर्व धूमधाम से मनाया जाता है। लोहटिया स्थित बड़ा गणेश मंदिर, सोनारपुरा स्थित श्री चिंतामणि गणेश मंदिर और दुर्गाकुंड स्थित दुर्ग विनायक गणेश मंदिर में श्रद्धालु सुबह से ही दर्शन-पूजन कर रहे हैं। श्रद्धालु भगवान गणेश को उनका प्रिय मोदक और तिल के लड्डू अर्पित कर रहे हैं।बड़ा गणेश मंदिर के पंडित रमानाथ दूबे ने बताया कि आज भोर में भगवान गणेश का भव्य श्रृंगार कर उनकी पूजा और आरती के बाद श्रद्धालुओं के दर्शन-पूजन के लिए कपाट खोला गया। चिंतामणि गणेश मंदिर के महंत चल्ला सुब्बाराव शास्त्री ने कहा कि गणेश चतुर्थी का विशेष माहत्व है। महिलाएं पुत्र प्राप्ति के साथ ही धन और वैभव के लिए आज निर्जल व्रत रखती हैं। सच्चे मन से पूजा करने पर भक्तों की मनोकामनाएं प्रभु गणेश पूरी करते हैं।