नयी दिल्ली। भारतीय थल सेना की ‘शत्रुजीत’ ब्रिगेड का पूर्वी लद्दाख में उत्तरी सीमाओं पर उसकी त्वरित जवाबी क्षमताओं की समीक्षा करने के लिए आयोजित तीन दिवसीय हवाई अभ्यास का बुधवार को समापन हो गया। सूत्रों ने यह जानकारी दी। भारतीय और चीनी सेनाओं के बीच मई 2020 से ही सीमा पर गतिरोध कायम है, जब पूर्वी लद्दाख में पैंगोंग झील क्षेत्र में हिंसक झड़प हुई थी। सूत्रों ने बताया कि सोमवार को शत्रुजीत ब्रिगेड के हवाई सैनिकों को अभ्यास के तहत 14,000 फुट से अधिक की ऊंचाई वाले क्षेत्र में पहुंचाया गया था। विशेष वाहनों और उपकरणों के साथ ही विशेष रूप से प्रशिक्षित इन सैनिकों को सी-130 और एएन-32 विमानों से पांच अलग-अलग बेस से त्वरित गति से पहुंचाया गया था।
सूत्रों ने कहा कि शून्य से 20 डिग्री सेल्सियस नीचे तक के तापमान और अत्यधिक ऊंचाई वाले दुर्गम क्षेत्र में सैनिकों को पहुंचाना विशेष रूप से चुनौतीपूर्ण था। सैन्य और राजनयिक वार्ताओं की एक श्रृंखला के बाद भारत और चीन ने अगस्त में गोगरा क्षेत्र में और फरवरी में पैंगोंग झील के उत्तरी और दक्षिणी किनारों से सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया पूरी की थी।
संवेदनशील क्षेत्र में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर अभी दोनों देशों के लगभग 50,000 से 60,000 सैनिक तैनात हैं।