वाराणसी(काशीवार्ता)। नि:संदेह विकास के पथ पर काशी फर्राटा भर रही है। वहीं आलम यह है कि विकास के आगे व्यवस्था पिछड़ जा रही है जिसका दंश यहां की जनता को झेलना पड़ रहा है। काशी में चल रही विकास योजनाओं को मूर्त रूप देने के लिए विभागीय अधिकारियों द्वारा लगातार समीक्षा बैठक कर आवश्यक दिशा निर्देश भी दिए जा रहे हैं।बावजूद इसके समस्या का हल निकलता नहीं दिख रहा। काशी में आज भी सीवर, सफाई व यातायात की समस्या जस की तस है। लोग जाम का संत्रास झेलने को मजबूर है। ऐसा ही हाल है मंडुवाडीह स्टेशन-ककरमत्ता मार्ग का। मॉडल स्टेशन में शुमार बनारस स्टेशन पर यात्री सुविधा जहां चाक-चौबंद है, वहीं स्टेशन के बाहर सड़क पर लोगों का राह चलना दुश्वार हो जाता है। यात्रियों को अपने वाहनों में बैठाने के लिए ई रिक्शा व टेंपो चालकों में ऐसी होड़ मचती है कि वह सारे ट्रैफिक नियम भूल जाते हैं। बेतरतीब वाहन खड़ा कर दिए जाने से इस मार्ग पर आए दिन जाम की समस्या बनी रहती है। इन सब के बावजूद यहां न तो रेलवे द्वारा ही न ही स्थानीय प्रशासन द्वारा ऐसी कोई व्यवस्था की गई है जिससे इस मार्ग पर चलने वाले लोगों को राहत मिल सके। बारिश हो या चिलचिलाती धूप लोग जाम में फंस कर कराह उठते हैं। कमोवेश आज भी ऐसी ही स्थिति से हजारों यात्रियों, हनुमान भक्तों व कांवड़ियों को दो-चार होना पड़ा। लोग घंटों जाम में फंसे रहे।