विवादों से पुराना नाता रहा रामगोपाल सिंह का


(विशेष प्रतिनिधि)
वाराणसी(काशीवार्ता)। चर्चित बिल्डर रामगोपाल सिंह का भले ही धोखाधड़ी के मामले में जेल भेज दिया गया हो पर विवादों से इसका पुराना नाता रहा है। कुछ साल पहले पहाड़िया(अशोक विहार) कॉलोनी स्थित आवास पर इसके पार्टनर बलवंत सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। दिवाली के एक दिन पहले बंद कमरे में रामगोपाल, इसके पार्टनर बलवंत सिंह व पंकज चौबे आदि दावत उड़ा रहे थे। शराब और कबाब का दौर चल रहा था। इसी दौरान गोली चली और बलवंत सिंह ढेर हो गया। हत्या का आरोप इसके दूसरे पार्टनर पंकज चौबे के ऊपर लगा। पुलिस ने पंकज चौबे को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। वहीं पंकज की पत्नी ने कहा, हत्या उसके पति ने नहीं, बल्कि खुद राम गोपाल और उसके आदमियों ने की। बहरहाल, जो भी सच्चाई रही हो, एक ही झटके में दो पार्टनर फर्म से जुदा हो गए। उस समय पुलिस की भूमिका और रामगोपाल के प्रति पुलिस के नरम रूख पर अनेक सवाल उठे थे। पर पुलिस ने इससे इंकार किया था। उसी दौरान यह भी खबर आई थी कि रामगोपाल ने तत्कालीन एसएसपी आनंद कुलकर्णी के सरकारी आवास पर स्विमिंग पूल का निर्माण कराया था। बाद में पुलिस की तरफ से स्पष्टीकरण आया कि स्विमिंग पूल की सिर्फ मरम्मत हुई थी। बिना टेंडर के एक विवादित व्यक्ति से सरकारी आवास में निर्माण की बात गले नही उतरी। यह प्रश्न आज भी अनुत्तरित है। उस समय तक रामगोपाल अपने अपराधिक कारनामों से काफी चर्चित हो चुका था। इसके दो आॅफिस हैं, एक नदेसर स्थित टकसाल सिनेमा के सामने इमलाक कॉलोनी में तो दूसरा पहाड़िया अशोक विहार कॉलोनी में। दोनों ही दफ्तरों के बाहर लग्जरी गाड़ियों का जमावड़ा लगा रहता है। जिससे कॉलोनीवासियों को खासी दिक्कत आती है, लेकिन कोई कुछ बोल नहीं पाता। बताया जाता है कि इसके खिलाफ फ्लैट देने के नाम पर पैसा हड़पने के तमाम आरोप हैं, लेकिन दबंग छवि के चलते कोई बोल नहीं पाता। हालाँकि, निधि राय और ओमप्रकाश जायसवाल नमक दो लोगों ने हिम्मत करके धोखाधड़ी और जान से मारने की धमकी देने की रिपोर्ट लिखवाई और रामगोपाल को पुलिस ने अंदर कर दिया। मजे की बात है कि इस दौरान अनेक सफेदपोश लोगों ने पुलिस पर दबाव बनाने का पूरा प्रयास किया।
रामगोपाल मूलत: चोलापुर का रहने वाला है। पुराने लोग बताते हैं कि यह शुरू में पुलिस के लिए काम करता था। बाद में एक एमएलसी के वरदहस्त में आगे बढ़ता चला गया। इसके खिलाफ नगर के अनेक थानों में लगभग आधा दर्जन मुकदमे दर्ज हैं। इसे प्रधानमंत्री आवास निर्माण का भी ठेका मिला है, जहां निर्माण की गुणवत्ता पर कई बार सवाल भी उठते रहे हैं।ंह का