कोरोना कर्फ्यू संभावित


वाराणसी (काशीवार्ता)। कोरोना वायरस जिंदगी ही नहीं निगल रहा बल्कि यह देश की अर्थव्यवस्था को भी चाट कर खोखला कर रहा है। कोरोना के भय का आलम यह है कि अब बाजारों में सियापा होने लगा है। अगर यही हाल रहा तो आगामी दिनों में शहर की सड़कों पर अघोषित कर्फ्यू जैसी स्थिति दिखेगी। कभी देशी-विदेशी पर्यटकों से गुलजार रहने वाला प्राचीन शहर बनारस का पर्यटन उद्योग पूरी तरह से कुंद पड़ चुका है वहीं अन्य प्रदेशों व जिलों से खरीदारी के लिए आने वाले व्यापारियों का आगमन पूरी तरह से खत्म हो चुका है। इसका असर अब मोटर उद्योग पर भी दिखने लगा है। पहले से मंदी की मार झेल रहे इस उद्योग की कमर पूरी तरह से कोरोना ने तोड़ दी है। इसके चलते करोड़ों का कारोबार प्रभावित है। नदेसर मोटर मार्केट में कार एसेसरीज के थोक विक्रेता युवा व्यापारी दाउद खान की मानें तो कार एसेसरीज व मोटर पार्ट्स के सबसे बडेÞ निर्यातक देश चीन से माल का आयात पूरी तरह से ठप हो चुका है। यहां के व्यापारी ज्यादातर दिल्ली से माल मंगाते हैं। दिल्ली के व्यापारियों ने भी माल भेजना बंद कर दिया है। जिसका सीधा असर अब यहां के मोटर मार्केट पर पड़ रहा है। ग्राहकों के इंतजार में पूरा दिन बीत जा रहा है। माल की आमद नहीं होने से व्यापारी बचे माल ऊंचे दामों पर बेच रहे हैं। दिल्ली जाने वाले व्यापारी अपनी यात्रा निरस्त कर घर ही रहना मुनासिब समझ रहे हैं। वहीं पार्सल व करियर पर भी इसका असर देखा जा रहा है। कमोवेश ऐसी ही स्थिति पर्यटन उद्योग की भी बन चली है। काशी में देशी-विदेशी पर्यटकों का आना आंशिक हो चुका है। भारत सरकार ने कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए 31 मार्च से सभी विदेशी उड़ानों को निरस्त करने का आदेश दे रखा है वहीं 25 मार्च तक सभी विदेशी पर्यटकों को भारत छोड़ने का आदेश निर्गत है। ऐसे में इसका असर काशी के पर्यटन उद्योग पर भी दिखने लगा है। पर्यटन उद्योग से जुड़े व्यापारी विजय शंकर मेहता बिज्जी महाराज की मानें तो कोरोना के चलते काशी का पर्यटन उद्योग अब पूरी तरह से बैठता नजर आ रहा है। करीब 40 हजार छोटे-बडेÞ वाहन जो पर्यटन उद्योग से जुडेÞ हैं, पार्किंग स्थलों की शोपीस बन चुके हैं। शहर की सड़कों, बाजारों व घाटों पर अब सियापा बढ़ने लगा है। स्कूल-कालेज बंद होने से छात्र-छात्राओं का एक बड़ा समूह सड़कों से गायब है। वहीं स्कूली बसों की चिल्लपों भी बंद है। सार्वजनिक कार्यक्रमों पर रोक के चलते शहर के विभिन्न क्षेत्रों में होने वाले प्राय: सभी कार्यक्रम स्थगित कर दिये गये हैं। अब सिनेमाहालों एवं मॉलों को भी बंद करने की कवायद चल रही है। एहतियातन लोग सफर से भी बच रहे हैं जिसके चलते बसों, ट्रेनों एवं विमान सेवाओं में भी यात्रियों का खासा अभाव है। आलम यह है कि हल्की सर्दी-जुकाम व खांसी के मरीजों को भी लोग कोरोना संक्रमित मानकर चिकित्सीय परामर्श पर उसकी सघन जांच कराई जा रही है। इस जानलेवा वायरस के भय का नजारा सड़कों पर साफ तौर पर देखा जा रहा है। हमेशा जाम की चपेट में रहने वाले विशेश्वरगंज, मैदागिन, अंधरापुल, सिगरा, गोदौलिया, लंका आदि क्षेत्रों में टैÑफिक नगण्य है और यातयातकर्मियों के संकेत के बिना आराम से आवागमन हो रहा है। अगर ऐसी ही स्थिति रही तो आगामी कुछ दिनों में ही शहर में अघोषित कोरोना कर्फ्यू जैसा माहौल दिखेगा।