वाराणसी, । दशाश्वमेध घाट स्थित सप्त मातृका सिद्धपीठ बड़ी शीतला माता धाम में मां शीतला का वार्षिक श्रृंगार किया गया। कोरोना आपदा से जगत को मुक्ति व राष्ट्र की खुशहाली की कामना से मां शीतला की विशेष आरती की गई। हालांकि बंदी व प्रतिबंधों के कारण सिर्फ महंत परिवार व गिने-चुने सहयोगी ही शामिल हुए।
रात्रि में माता को पंचामृत स्नान व चंदन लेपन के बाद नए वस्त्राभूषण धारण कराए गए। पांच प्रकार के फल, मिष्ठान, गुलगुला, पूड़ी-हलवा, चना-बतासा, दही समेत व्यंजनों का भोग अॢपत किया गया। इसके साथ घंटा-घडियाल व शंख ध्वनि से घाट गूंज उठा। महंत पं. शिवप्रसाद पांडेय ने 11 किलो कपूर व 108 दीप माला से विराट आरती की। इससे पहले सांस्कृतिक संयोजक गीतकार कन्हैया दूबे केडी ने मां के चरणों में पांच देवी गीत समर्पित किए। मां की शक्ति से मिलेगी कोरोना से मुक्ति…, शीतला मइया हर लो हर बलइया…, ये कैसी घड़ी आ गई मां…, बा बड़ी मुश्किल भरल संसार ए मइया कर सकेलू बस तूहीं अब पार हे मईया…, मां मुरादे पूरी कर दे हलवा बाटूंगा…, जय शीतला मइया हरे हरे आदि भजन संकीर्तन से परिसर गूंजता रहा। कलाकारों ने फेसबुक पर भजन प्रस्तुति कर हाजिरी लगाई।
इससे पहले रविवार भोर मंगला आरती के बाद मंदिर का पट बंद कर दिए गए। शीतला दल, कसेरा समाज, मांझी समाज सहित प्रतिवर्ष शोभायात्रा वधावा लेकर आने वाले भक्तों ने कोरोना संकट के कारण अबकी अपने- अपने घरों पर गगनचुंबी झंडा पताका लगाकर धार देते हुए मां शीतला का पूजन किया।Dailyhunt