यूरोप के कई देशों में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के बाद एक बार फिर से पाबंदियाँ लगाई जा रही हैं.
ब्रिटेन में इंग्लैंड को संक्रमण की गंभीरता के हिसाब से मध्यम, उच्च और अत्यंत उच्च ख़तरे वाले तीन हिस्सों में बाँट दिया गया है और वहाँ उसी प्रकार से सख़्ती बरती जा रही है. ब्रिटेन सरकार के वैज्ञानिक सलाहकारों ने कहा है कि अभी भी सार्वजनिक जगहों पर बहुत सख़्ती नहीं दिखाई दे रही.
चेक गणराज्य में तीन सप्ताह के लिए आंशिक लॉकडाउन लगा दिया गया है जिसके बाद स्कूलों, बारों और क्लबों को बंद रखना होगा.
यूरोपीय देशों में प्रति एक लाख की आबादी के हिसाब से सबसे ज़्यादा मामले चेक गणराज्य में आ रहे हैं. चेक स्वास्थ्य मंत्री ने कहा है कि वहाँ लॉकडाउन में ढील दिए जाने के बाद से लोग ज़्यादा ही सामान्य होने लगे थे.
चेक गणराज्य ने मार्च में काफ़ी शीघ्रता और सख़्ती से लॉकडाउन लगा दिया था. मगर जून में वहाँ ढील दी गई जिसके बाद राजधानी प्राग के चार्ल्स ब्रिज पर संकट समाप्त होने का जश्न मनाया गया था.
नीदरलैंड्स में भी अगले चार हफ़्तों के लिए आंशिक लॉकडाउन लगा दिया गया है. वहाँ सार्वजनिक स्थलों पर मास्क पहनना अनिवार्य कर दिया गया है.
यूरोप के कई देशों में अस्पतालों में मरीज़ों की संख्या तेज़ी से बढ़ रही है.
फ़्रांस की राजधानी पेरिस में सरकारी अस्पतालों के संगठन ने कहा है कि अगले सप्ताह के अंत तक पेरिस के अस्पतालों के 90 फ़ीसदी बेड भर जाएँगे.
फ़्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों बुधवार को और सख़्तियों की घोषणा करने जा रहे हैं. बताया जा रहा है कि पेरिस की कई जगहों पर रात का कर्फ़्यू लगा दिया जा सकता है.
जर्मनी की चांसलर एंगेला मैर्केल ने भी कहा है कि वो स्थिति पर नज़र रखे हुए हैं.
उन्होंने कहा, “मैं ज़रूर कहना चाहूँगी कि स्थिति गंभीर बनी हुई है.”
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