नेरी (सीतापुर)। रक्षाबंधन के पर्व को भाई और बहन के अटूट प्रेम की निशानी का प्रतीक माना जाता है। इस त्यौहार के लिए उत्साह हर किसी के दिल में साफ दिखाई देता है लेकिन बाजारों में इसकी रौनक नहीं देखी जा रही है। इस बार रक्षाबंधन त्यौहार पर कोरोना महामारी का असर साफ दिखाई दे रहा है। आमतौर पर रक्षाबंधन में लगभग एक महीने पहले से रंग बिरंगी राखियों से बाजारों में रौनक दिखने लगती थी लेकिन इस बार ऐसा कुछ भी नहीं दिख रहा है।
वहीं रक्षाबंधन की बाजारों पर कोरोना महामारी का बहुत बुरा असर पड़ा है। जहां त्यौहार के दो दिन बचे हैं। वहीं इसी दो दिन में लॉकडाउन भी है। जिसके चलते राखियों की दुकान में ग्रामीण क्षेत्र में सूनी पड़ी हैं। जिसके चलते दुकानदारों को काफी नुकसान उठाना पड़ सकता है। वहीं आपको बताते चलें चीन के साथ चल रहे हैं तनाव का भी असर राखियों के बाजार व दुकानों पर भी पड़ा है। पहले जब चाइनीस राखियों पर कोई पाबंदी नहीं थी तो तरह.तरह की राखियां दुकानों पर चमकती थी। जिसके चलते इस बार पिछले वर्ष की भांति राखियों का मूल्य भी कुछ अधिक है। वहीं ग्रामीण दुकानदारों ने बताया कहा हम लोगों ने यह शपथ भी ले ली थी कि इस बार कुछ भी हो जाए चाइना की राखी वह चाइना का कोई भी सामान नहीं बेचेंग।
हम सभी को व्यापार में चाहे कितना भी नुकसान हो हम सभी उठाने के लिए तैयार हैं। वही विकासखंड पिसावां के ग्राम नेरी में भी लॉकडाउन के चलते दुकानें सभी बंद रही। वहीं गांव के अंदर सोशल डिस्टेंसिंग के तहत कुछ दुकानें राखियों की खुली थी लेकिन बिक्री न के बराबर थी। दुकानदारों ने कहा चैराहे पर यह दुकान खोलते तो हो सकता बिक्री कुछ ज्यादा होती लेकिन कोरोना के चलते चैराहे पर दुकानें नहीं खोली गई। कोरोना वायरस के चलते रक्षाबंधन के त्यौहार पर बहुत बड़ा असर पड़ रहा है।