कोरोना काल में नकारात्मकता से दूर रहना होगा-डा. मनोज


वाराणसी (काशीवार्ता)। वैश्विक महामारी का अदृश्य दुश्मन कोरोना की दूसरी लहर व अफ्रीकन एशियन स्ट्रेन इस समय सक्रिय है और तबाही मचा रहा है। उक्त बातें आप का स्वास्थ्य पत्रिका के मानद सचिव व प्रो.डॉ मनोज कुमार श्रीवास्तव ने काशीवार्ता से कही। उन्होंने कहा कि साँस लेने में तकलीफ, तेज बुखार है और पैरासिटामाल लेने के बाद भी नहीं उतर रहा, मुँह का स्वाद व सूंघने की शक्ति चली गई हो तो यकीन मानिये आप कोरोना महामारी के चपेट में आ गये हैं। कहा कि ध्यान देने की बात है यह बहुत घातक या जानलेवा नहीं है तथा यह मौत का अन्तिम नाम भी नहीं है। जागरूकता के अभाव व नकारात्मक ऊर्जा के संचार से सारा खेल बिगड़ रहा है। उनका कहना है कि कोरोना का प्रमुख स्ट्रेन यू.के.स्ट्रेन, अफ्रÞीकन स्ट्रेन, ब्राजीलियन स्ट्रेन, चायनीज स्ट्रेन ही पूरे विश्व में अपनी जड़ें मजबूत किये है तथा वैश्विक महामारी के लिये सीधे जिÞम्मेदार है और अब विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इसे एयर बार्न डीजिज की संज्ञा दे दी है। इसका मतलब है कि यह हवा में फैल गया है और अद्श्य वायरस है जो राह चलते भी अपनी जकड़ में ले सकता है। इसलि सावधान व सतर्क रहने की आवश्यकता है।


अदृश्य वायरस कोरोना से कैसे करें मुकाबला -डॉ.मनोज का कहना है कि अदृश्य वायरस कोरोना से लड़ने के चार हथियार हमारे पास हैं। रक्षा कवच वैक्सीन, दो गज की समाजिक दूरी, ट्रिपल लेयर मास्क व सेनेटाइजर। इसका वैज्ञानिक प्रमाण भी है कोरोना कि पुष्टि के लिए 6 मीटर वाक कर टेस्ट घर बैठे ही कर सकते हैं। यदि आपका आक्सीजन लेवल 95 है और 6 मीटर वाक करने के उपरांत 5 प्रतिशत अचानक नीचे गिरता है तो यह कोरोना बीमारी की पुष्टि करता है। वर्तमान समय मे एक्स-रे या चेस्ट सीटी स्कैन में न्यूमोनिया है तो इसे कोरोना ही माना जायेगा। आरटीपीसीआर टेस्ट केवल 67 प्रतिशत लोगों में ही सही बता पाता है कि कोरोना है या नहीं।
बचाव के साथ जीविका भी -डॉ.मनोज ने कहा कि जीवन और जीविका दोनों एक दूसरे के पूरक है जीवन है तो उसे चलाने हेतु जीविका का संसाधन भी हमें खोजना होगा अपनी रोजी-रोटी व परिवार को चलाना हमारी नैतिक जिम्मेदारी भी है। जब तक हर्ड ईम्युनिटी नहीं विकसित होती है तब तक रक्षा कवच वैक्सीन अवश्य लगवाये, जिंदगी के प्रति सकारात्मक रहें, सतर्क व सावधान रहें। इसका इलाज हर्ड इम्युन्टी व आक्सीजन ही है। प्रतिदिन डीप ब्रीथिंग एक्सरसाइज करें, खूब पानी पिये, हरि सब्जियों का सूप एवं फल का सेवन करें, पूरी नींद लें, संगीत सुनें और कोरोना काल में हर सम्भव सबका सहयोग करें।