कोरोना: अब आई सिंगल डोज वाली J&J की वैक्सीन, 66% तक प्रभावी: US रेगुलेटर्स


कोरोना महामारी के खात्मे के लिए दुनिया के कई देशों में वैक्सिनेशन प्रोग्राम शुरू हो चुका है. इस बीच अमेरिकी नियामकों का कहना है कि जॉनसन एंड जॉनसन (Johnson & Johnson’s) की सिंगल डोज वाली वैक्सीन COVID-19 के खिलाफ बेहद प्रभावी पाई गई है. ऐसे में इस वैक्सीन के उपयोग की कुछ दिनों के अंदर इजाजत दी जा सकती है.

दरअसल, कोरोना से बचाव के लिए अधिकांश वैक्सीनों के दो डोज लेने होते हैं. लेकिन जॉनसन एंड जॉनसन सिंगल डोज वाली वैक्सीन है. यानी कि कोरोना से बचाव के लिए इस वैक्सीन का सिंगल डोज ही काफी है. एजेंसियों के मुताबिक, ऐसा अमेरिका के एफडीए (Food and Drug Administration Scientists) के वैज्ञानिकों ने दावा किया है. उनका कहना है कि ये वैक्सीन कोरोना के मध्यम से गंभीर स्टेज के संक्रमण को रोकने के लिए करीब 66% तक प्रभावी है. यही नहीं J&J वैक्सीन का शॉट पूरी तरह से सुरक्षित भी है.

रिपोर्ट्स के मुताबिक, FDA का कहना है कि जॉनसन एंड जॉनसन के इस एक डोज वाले वैक्सीन से वैक्सिनेशन प्रोग्राम में तेजी आएगी और यह उपयोग के लिए भी सुरक्षित है. गौरतलब है कि FDA अमेरिका के लिए तीसरे वैक्सीन की इजाजत देने वाला है. शुक्रवार को एजेंसी के स्वतंत्र सलाहकार इस विषय पर चर्चा करेंगे. जिसके बाद एफडीए कुछ दिनों में अंतिम फैसला ले सकता है.

बताया जा रहा है कि अमेरिका में अब तक करीब 4.45 करोड़ लोगों को फाइजर या मॉडर्ना वैक्सीन की कम से कम एक डोज दी जा चुकी है. वहीं, करीब दो करोड़ लोगों को दूसरी डोज मिल चुकी है. टेस्ट से पता चला कि फाइजर और मॉडर्न वैक्सीन COVID-19 से सुरक्षा में 95% प्रभावी थे.

एक्सपर्ट की मानें तो अन्य कोरोना वैक्सीन की तरह J&J शॉट लेने के बाद इंजेक्शन लगने वाली जगह पर हल्का दर्द, बुखार, थकान और सिरदर्द जैसे लक्षण दिखाई दे सकते हैं. हालांकि, किसी ने भी ने गंभीर एलर्जी का अनुभव नहीं किया.

इस वैक्सीन की अच्छी बात यह है कि इसे एक बार ही लगाना होता है. जबकि अब तक इस्तेमाल की जा रही फाइजर/बायोएनटेक और मॉर्डना वैक्सीन के दो शॉट्स लगाना अनिवार्य होता है. जॉनसन एंड जॉनसन का एक शॉट अमेरिका में चल रहे टीकाकरण को और भी आसान कर सकता है. फिलहाल, J&J के आवेदन के बाद नियामक डाटा का निरीक्षण करेगा और सलाहकार समिति के साथ बैठक करने के बाद ही इसके इस्तेमाल की मंजूरी देगा.