संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने बुधवार को कहा कि कोविड-19 वैश्विक महामारी न केवल गरीबी को दूर करने एवं शांति स्थापित करने के लिए अभी तक किए प्रयासों के लिए खतरा है, बल्कि इससे मौजूदा संघर्षों के बढ़ने और नए संघर्ष पैदा होने का भी खतरा है।
गुतारेस ने महामारी के दौरान शांति कायम रखने की चुनौती पर चर्चा के लिए सुरक्षा परिषद की बैठक में कहा कि उन्होंने कोरोना वायरस से निपटने के लिए विश्वभर में संघर्षों में तत्काल विराम की 23 मार्च को अपील की थी, जिसके बाद कई युद्धरत पक्षों ने तनाव कम करने और संघर्ष रोकने के लिए कदम उठाए।
उन्होंने कहा, ‘लेकिन यह दुख की बात है कि वैश्विक महामारी के बावजूद कई पक्षों ने शत्रुतापूर्ण गतिविधियां रोकी नहीं और न ही स्थायी संघर्ष विराम पर सहमत हुए।’
संयुक्त राष्ट्र के पूर्व महासचिव बान की मून ने परिषद से कहा, ‘यह वास्तव में हैरानी की बात है कि वैश्विक महामारी से निपटने के लिए दुनिया ने अरबों लोगों को लॉकडाउन में रखा, अंतरराष्ट्रीय सीमाएं बंद कर दीं, व्यापार एवं आव्रजन को निलंबित कर दिया और सभी उद्योगों को स्थायी तौर पर बंद कर दिया, लेकिन वे सशस्त्र संघर्षों को रोक नहीं पाए।’
बान ने संघर्षों को रोकने की मांग करने वाले प्रस्ताव के ‘केवल पाठ की बारीकियों पर तर्क करके’ समय व्यर्थ करने और एक जुलाई तक भी इसे पारित नहीं कर पाने के लिए सुरक्षा परिषद की आलोचना की।
गुतारेस ने कहा कि इस वैश्विक महामारी ने स्वास्थ्य प्रणालियों एवं सामाजिक सेवाओं के प्रभावी होने और संस्थानों एवं शासन प्रणाली में भरोसे को लेकर कई सवाल पैदा कर दिए है। संयुक्त राष्ट्र प्रमुख ने सचेत किया कि यदि कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया, तो असमानता, वैश्विक स्तर पर गरीबी, अस्थिरता एवं हिंसा बढ़ गई है।